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अध्यात्म जीवन जीने की कला का अनमोल सूत्र : साध्वी भारती

फिरोजपुर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के भारत नगर स्थित आश्रम में सत्संग के दौरान साध्वी सुश्री सोनिया भारती ने भक्तों को अध्यात्म की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि अध्यात्म विहीन समाज अल्प ज्ञान के धुंधले प्रकाश में भौतिकवाद को विकास का पर्याय व अध्यात्म का विलोम मान बैठा है। विश्लेषणात्मक दृष्टि स्पष्ट करती है कि अध्यात्म भौतिकवाद का खंडन नहीं करता, अपितु संतुलन एवं नियंत्रण की जीवन शैली प्रतिपादित करता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 04:25 PM (IST)
अध्यात्म जीवन जीने की कला का अनमोल सूत्र : साध्वी भारती
अध्यात्म जीवन जीने की कला का अनमोल सूत्र : साध्वी भारती

संवाद सूत्र, फिरोजपुर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के भारत नगर स्थित आश्रम में सत्संग के दौरान साध्वी सुश्री सोनिया भारती ने भक्तों को अध्यात्म की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि अध्यात्म विहीन समाज अल्प ज्ञान के धुंधले प्रकाश में भौतिकवाद को विकास का पर्याय व अध्यात्म का विलोम मान बैठा है। विश्लेषणात्मक दृष्टि स्पष्ट करती है कि अध्यात्म भौतिकवाद का खंडन नहीं करता, अपितु संतुलन एवं नियंत्रण की जीवन शैली प्रतिपादित करता है।

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साध्वी ने कहा कि अध्यात्म पोषित भारतीय संस्कृति ने विश्व को सफलतापूर्वक जीवन जीने की कला का अनमोल सूत्र चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष के माध्यम से प्रदान किया है। यह सूत्र भौतिकवाद और अध्यात्म बाद के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है। धर्म संयुक्त जीवन प्रणाली मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करेगी। साध्वी ने कहा कि वेद आध्यात्म और भौतिकवाद के समन्वय को उद्घोषक के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहते हैं, वीर भोग्या वसुंधरा अहम भूमिम उद्याम आर्यआया अर्थात वीर वही है, जिसने अध्यात्म द्वारा अपने मन पर विजय प्राप्त की है।


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