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सेंट्रल जेल होगी पॉलीथिन मुक्त, प्लास्टिक बैन, थैलों में लाया जाएगा सामान

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : डीसी चंद्र गेंद ने मंगलवार को केंद्रीय जेल में निरीक्षण के दौरान जेल अधिकार

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 11:28 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 11:28 PM (IST)
सेंट्रल जेल होगी पॉलीथिन मुक्त, प्लास्टिक बैन, थैलों में लाया जाएगा सामान
सेंट्रल जेल होगी पॉलीथिन मुक्त, प्लास्टिक बैन, थैलों में लाया जाएगा सामान

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : डीसी चंद्र गेंद ने मंगलवार को केंद्रीय जेल में निरीक्षण के दौरान जेल अधिकारियों को प्लास्टिक लिफाफों को पूरी तरह बैन करने के निर्देश दिए। अगर जेल में कोई चीज लाई जानी है तो वह थेलों, कागज के लिफाफों या फिर बर्तनों में लाई जाए। जेल प्रशासन ने जेल में कूड़े की लिफ्टिंग का मसला भी उठाया। यहां रोजाना एक ट्रॉली प्लास्टिक कचरा जमा होता है, जिसे गंभीरता से लेते हुए डीसी ने जेल को पॉलीथिन मुक्त करने के आदेश दिए।

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उन्होंने कहा कि जेल की रसोई में बनने वाले खाद्य पदार्थो का जो वेस्ट रह जाता है, उसे कूड़े में फेंकने की बजाय जेल के अंदर ही खाद बनाई जाए। इस खाद का इस्तेमाल जेल में होने वाली खेती में इस्तेमाल किया जाए। नगर कौंसिल के ईओ चरणजीत सिंह को निर्देश दिए कि जेल प्रशासन के संबंधित मुलाजिमों को किचन वेस्ट से खाद बनाने की ट्रेनिग दी जाए। डीसी ने जेल में कैदियों व हवालातियों को मिलने के लिए आने वाले मुलाकातियों को भी इस बारे में जागरूक करने के लिए कहा है, ताकि वह अपने साथ प्लास्टिक का कोई भी लिफाफा न लाएं।

जेल अधिकारियों ने बताया कि यह जेल 23 एकड़ के एरिया में बनी हुई है। यहां कुल 1200 कैदी और हवालाती रहते हैं। इनमें करीब 136 महिला कैदी व हवालाती शामिल हैं। डीसी ने जेल की रसोई का भी जायजा लिया और खाने को टेस्ट करके क्वालिटी परखी, जिस पर उन्होंने संतुष्टि जताई। इसके बाद वह जेल में चल रहे नशा छुड़ाओ केंद्र पहुंचे। यहां इलाज करवा रहे कैदियों और हवालातियों से बातचीत की।

27 कैदी और हवालाती नशा छुड़ाओ केंद्र में करवा रहे इलाज

जेल अधिकारियों ने बताया कि नशा छुड़ाओ केंद्र में इस वक्त करीब 27 कैदी और हवालाती नशे की चुंगल से बाहर आने के लिए इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर को बताया कि यहां उन्हें सही इलाज मिल रहा है, साथ ही उन्हें समय पर दवाईयां भी उपलब्ध हो रही हैं। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर जेल के अस्पताल में पहुंचे और यहां दाखिल मरीजों से फीडबैक लिया। मरीजों ने बताया कि उनका इलाज यहां ठीक चल रहा है।

जेल में चलने वाली औद्योगिक यूनिट से कमाया दस फीसद प्रॉफिट

जेल में चलने वाली औद्योगिक यूनिट का भी दौरा किया। यहां धागे से कपड़े तैयार किए जाते हैं। जेल अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में फरवरी महीने तक 23 लाख रुपये का सामान इस औद्योगिक यूनिट में तैयार करके बेच चुकी है, जिसमें से दस फीसद प्रॉफिट रहा है। जेल प्रशासन की तरफ से जेल के बाहर एक दुकान भी खोलने का प्रस्ताव विचाराधीन है। इसमें कैदियों की तरफ से तैयार किए गए तौलिए, कुर्ते और अन्य सामान बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा। डीसी ने महिला कैदियों और हवालातियों वाले वार्ड का भी दौरा किया। यहां बच्चों के लिए चल रहे स्कूल में जाकर जायजा लिया। जेल प्रशासन को जेल के अंदर जाने वाली सड़कों को पक्का करवाने के लिए कहा।


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