इंटेलीजेंस सिस्टम नहीं, किसान इंटेलीजेंट, पौने 4 घंटे थम गई 7 रेलें
विभिन्न मांगों को लेकर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने राज्य व्यापी आह्वान पर जिले में दो जगह रेल पटरियों पर जाम लगाकर रेल आवागमन ठप कर दिया। जिससे सात से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुईं। किसानों की प्ला¨नग ने इंटेलीजेंस सिस्टम को भी विफल कर दिया। टैकांवाली बस्ती रेलवे सुरक्षा बल, जीआरपी और पंजाब पुलिस ने नाका लगाकर किसानों को रेलवे लाइनों के पास नहीं जाने देने की योजना बनाई थी। लेकिन किसानों ने चकमा देते जिले में फिरोजपुर-जालंधर बूटेवाला और फिरोजपुर-फाजिल्का रेल लाइन पर झोक टहल ¨सह रेलवे स्टेशन पर दोपहर एक बजे पटरियों पर धरना शुरू कर दिया।
जासं, फिरोजपुर/मल्लांवाला/गुरुहरसहाय : विभिन्न मांगों को लेकर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने राज्य व्यापी आह्वान पर जिले में दो जगह रेल पटरियों पर जाम लगाकर रेल आवागमन ठप कर दिया। जिससे सात से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुईं। किसानों की प्ला¨नग ने इंटेलीजेंस सिस्टम को भी विफल कर दिया। टैकांवाली बस्ती रेलवे सुरक्षा बल, जीआरपी और पंजाब पुलिस ने नाका लगाकर किसानों को रेलवे लाइनों के पास नहीं जाने देने की योजना बनाई थी। लेकिन किसानों ने चकमा देते जिले में फिरोजपुर-जालंधर बूटेवाला और फिरोजपुर-फाजिल्का रेल लाइन पर झोक टहल ¨सह रेलवे स्टेशन पर दोपहर एक बजे पटरियों पर धरना शुरू कर दिया। इसके बाद टैकांवाली बस्ती रेलवे क्रॉ¨सग पर किसानों के नहीं आने की संभावना के चलते नाका हटा लिया गया। किसानों ने दोपहर 1 से शाम 4:45 बजे तक पौने चार घंटे तक धरना लगाया।
टैकांवाली बस्ती क्रॉ¨सग के इनपुट निकले गलत
इससे पहले रेलवे सुरक्षा बल और जीआरपी को इंटेलीजेंस से इनपुट मिला था कि किसान टैकांवाली बस्ती क्रॉ¨सग के पास रेलवे पटरियों पर धरना लगा सकते हैं। चूंकि यहां फिरोजपुर से ब¨ठडा, जालंधर और लुधियाना की तरफ रेलों का आवागमन होता है। यहां जाम लगाने से रेलवे के फिरोजपुर मंडल की अधिकतर रेलों का आवागमन बाधित होगा। इसी वजह से टैकांवाली बस्ती फाटक के समीप निर्माणाधीन आरयूबी के समीप भारी पुलिस तैनात की गई।
दोपहर 1 बजे बूटेवाला और झोक टहल ¨सह स्टेशन घेरे
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने दोपहर तक प्ला¨नग नहीं बताई की कि धरना कहां दिया जाएगा। दोपहर एक बजे अचानक बूटेवाला और झोक टहल ¨सह में स्टेशनों की रेलवे पटरियों पर धरना देकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
केंद्र-कैप्टन सरकार को कोसा
बूटेवाला में धरने को किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रदेश संगठन सचिव सुख¨वद्र ¨सह सभरा, जिला सचिव साहब ¨सह दीनके, सुरजीत ¨सह गट्टा बादशाह, करनैल ¨सह भोला, सुखवंत ¨सह, सुरेंद्र ¨सह, रणवीर ¨सह, अमनदीप सिंह, जरनैल ¨सह और झोक टहल ¨सह में जिला प्रधान सुखदेव ¨सह मंड, जोनल प्रधान धर्म ¨सह लालचियां आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों की ¨नदा करते हुए कहा कि दोनों सरकारें किसान विरोधी हैं। खेती पर संकट आया हुआ है।
इन मांगों पर निकाला उबाल
किसानों ने सरकार द्वारा खरीदे गन्ने का बकाया भुगतान तुरंत 15 प्रतिशत ब्याज सहित देने, धान की पराली संभालने के लिए धान की सरकारी खरीद पर 200 रुपये प्रति क्विंटल बोनस या फिर 6 हजार रुपये एकड़ मुआवजा देने, पराली जलाने पर किसानों पर दर्ज किए मुकदमे और जुर्माने की कार्रवाई निरस्त करने, धान की खरीद 17 प्रतिशत की जगह 25 प्रतिशत नमी तक करने, फसलों का भाव स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बढ़ाने, किसानों को डीजल पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने, कच्चरभन्न में किसान जितेंद्र सिंह आत्महत्या प्रकरण में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई।