बीकानेर नहर में पड़ी 20 फुट दरार, तीन सौ एकड़ फसल में पानी भरा
फिरोजपुर-फाजिल्का हाईवे को क्रॉस करती बीकानेर नहर में गांव लुथर के पास वीरवार की सुबह छह बजे 20 फुट चौड़ी दरार पड़ गई।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : फिरोजपुर-फाजिल्का हाईवे को क्रॉस करती बीकानेर नहर में गांव लुथर के पास वीरवार की सुबह छह बजे 20 फुट चौड़ी दरार पड़ गई। नहर में दरार पड़ने से तेजी से नहर का पानी गांव के खेतों की ओर जाने लगा, ग्रामीणों की इसकी जानकारी होने पर तुरंत सूचना नहरी विभाग को दी गई, पांच से छह घंटों की जद्दोजहद के बाद नहर से खेतों की ओर बह रहे पानी पर दिन में 12 बजे अंकुश लगाया जा सका। सूचना पर सुबह सात बजे एसएसपी विवेक शील के साथ पहुंचे डीसी चंद्र गैंद ने मौका मुआयना उपरांत ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि वह नुकसान की रिपोर्ट तैयार करवाकर सरकार को भेजेंगे, ताकि किसानों को हुए नुकसान की भरपाई हो सके।
ग्रामीण जगतार सिंह, रुपिदर सिंह व बलदेव ने नहरी विभाग पर आरोप लगाते हुए कि नहरी विभाग द्वारा न तो नहर की समय से सफाई करवाई जाती है और न ही नहर की जर्जर हुई पटरियों को दुरुस्त किया जाता है, जिसके कारण ही यह नहर में दरार पड़ी है, उन लोगों समेत तीन दर्जन से अधिक किसानों की ढ़ाई से तीन सौ एकड़ फसल में पानी भर गया है, ऐसे में जो फसलें डूब गई है, उनके खराब होने की आशंका है, ऐसे में वह लोग चाहते है कि सरकार उन्हें मुआवजा दे, और इस लापरवाही के लिए जो लोग दोषी हैं, उनके विरूद्ध कार्रवाई हो।
नहरी विभाग के एक्सईन जगतार सिंह ने बताया कि गांव लूथर के पास बीकानेर कैनाल में आई करीब 20 फुट चौड़ी दरार की समय रहते जानकारी होने पर इसे दुरूस्त करने का काम शुरु कर दिया गया, विभाग ने दरार भरने के काम को आसान करने के लिए बीकानेर कैनाल के पानी को ईस्ट कैनाल में डायवर्ट करवा दिया, जिससे पानी का प्रेशर कम हो गया और दरार को भरने के काम में सहायता मिली। उन्होंने बताया कि दिन 12 बजे पूरी तरह से दरार से पानी का प्रवाह बंद कर दिया। एक्सईन जगतार ने बताया कि नहर में पड़ी दरार के कारण कोई ज्यादा नुकसान फसलों को नहीं पहुंचा है।
डीसी चंद्र गैंद ने कहा कि दरार को भर दिया गया है, जिसकी वजह से पानी लोगों के घरों में जाने से रुक गया। हालांकि आसपास के खेतों में पानी घुस गया, लेकिन इसे आबादी में जाने से रोक लिया गया। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जिन फसलों को पानी की वजह से जो नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेजी जाएगी। उन्हें फसलों के हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाया जाएगा। उन्होंने अचानक नहर में दरार आने और तेजी से इसे भरने के काम के लिए गांव के लोगों के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि लोगों के इस जज्बे की बदौलत ही इस स्थिति पर काबू पाया जा सका है।
दरिया के बाद नहर ने बढ़ाई जिला प्रशासन की चिता
पिछले दस दिनों से जिला प्रशासन सतलुज दरिया में आई बाढ़ से जद्दोजहद कर रहा है, और लोगों द्वारा लगातार आरोप लगाए जा रहे है कि प्रशासन उनकी अनदेखी कर रहा है, ऐसे में वीरवार की सुबह नहर में पड़ी दरार जिला प्रशासन के लिए और चिताजनक है, हालांकि समय रहते दरार से प्रवाह को रोकने में सफलता मिलने से नुकसान की आशंका ज्यादा तो नहीं है, परंतु किसानों के आक्रमक रूख को देखते हुए अधिकारी चितित जरूर है।