कोरोना संकट में किसानों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डाली जान
कोरोना के घोर संकट में जहां देश की अर्थ व्यवस्था डगमगा गई है वहीं देखने में आया है कि किसानों ने ग्रामीण भारत की तस्वीर ही बदल दी है।
अशोक शर्मा, फिरोजपुर : कोरोना के घोर संकट में जहां देश की अर्थ व्यवस्था डगमगा गई है, वहीं देखने में आया है कि किसानों ने ग्रामीण भारत की तस्वीर ही बदल दी है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से रावी की फसल बंपर हुई है, खासकर पंजाब प्रदेश में पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी अधिक फसल हुई है।
इस कोरोना के संकट में ही किसानों ने ग्रामीण क्षेत्रों में खरीफ की फसल बीज है। इस संबंध में गांव जनेर के किसान दर्शन सिंह तथा बस्ती निजामदीन के जसवीर सिंह तथा फत्तू वाले के मेजर सिंह ने बताया कि यहां धान की खेती के लिए मजदूर की काफी कमी आई, वहीं उनकी वजह से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जैसे बिजली के कट, तेल के मूल्य में भारी बढोतरी आदि और मौसम विभाग की तरफ से मानसून के सही रहने के अच्छे संकेत मिल रहे हैं। देखने में आया है कि किसानों ने खुद खेती करने के लिए जून के माह में ट्रैक्टरों की खरीद जोरों पर की, जोकि पिछले जून के मुकाबले 20 फीसदी दर्ज की गई। देखने में आया है कि एफएमसीजी कंपनी के आंकड़े शहर के ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से आए। इससे ग्रामीण भारत की अच्छी तस्वीर का खुलासा होता है।
गांवों में दोपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ी
लॉकडाउन के चलते हुए भी ग्रामीण बाजार की बिक्री अच्छी होती है और कोरोना की महामारी के हो हुए शहरों से ज्यादा गांव वालों की सेहत अच्छी रहती है और गांव में कोरोना के केस भी बहुत कम है। देखने में यह भी आया है कि गांव में दो पहिया वाहनों की बिक्री भी शहरों के हिसाब से 15 फीसदी ज्यादा हो रही है। इसी लिए गांव की अर्थ व्यवस्था की सेहत शहर से ज्यादा अच्छी दिखाई दे रही है।