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नशे के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले MLA जीरा के खिलाफ किसानों ने खोला मोर्चा

जीरा के विधायक कुलबीर सिंह जीरा के पार्टी से निलंबन के बाद से हलके के पीड़ित लोग एक के बाद एक अपनी आवाज उठाने लगे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 03:20 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:52 PM (IST)
नशे के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले MLA जीरा के खिलाफ किसानों ने खोला मोर्चा
नशे के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले MLA जीरा के खिलाफ किसानों ने खोला मोर्चा

जेएनएन, फिरोजपुर। जीरा के विधायक कुलबीर सिंह जीरा के पार्टी से निलंबन के बाद से हलके के पीड़ित लोग एक के बाद एक अपनी आवाज उठाने लगे हैं। किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी ने भी एमएलए जीरा पर किसानों का उत्पीड़न करने, किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जा करने, झूठे पर्चे दर्ज करवाने आदि के आरोप लगाए हैं। यहां पत्रकारों से बातचीत में कमेटी द्वारा सबूत दिखाते हुए प्रदेश सरकार से एमएलए जीरा से जुड़े सभी मामलों की जांच हाई कोर्ट के जज से करवाए जाने की मांग की।

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किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह पन्नू ने जीरा पर आरोप लगाते हुए कहा कि 30 अप्रैल 2018 को कच्चरभन्न गांव के किसान जतिंदर सिंह की 77 कनाल जमीन हड़पने की साजिश रची गई। इस साजिश में जीरा के पिता व पूर्वमंत्री इंद्रजीत सिंह जीरा व अन्य लोग शामिल रहे। घटना से आहत 24 वर्षीय किसान जतिंंदर सिंह ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली। वह लोग पीड़ित परिवार के साथ जीरा थाने के समक्ष आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग को लेकर शव के साथ धरना दे रहे थे। इसी दौरान शहर की बिजली सप्लाई बंद कर उन लोगों पर हमला करवा दिया गया। शव को भी खुर्दबुर्द करने की कोशिश की गई।

इस मामले में बाद में पुलिस द्वारा एमएलए जीरा के पिता इंद्रजीत सिंह जीरा व अन्य आरोपियों पर मुकदमा दर्ज तो किया गया, परंतु आज तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पन्नू ने बताया कि इसके अलावा लोकाखुर्द में जीरा के गुंडों ने सरकार द्वारा गरीबों को दिए गए प्लांट पर कब्जा करने नीयत से लोगों के मकान तोड़ने के साथ ईंट व दूसरे समान उठा ले गए, इस मामले में भी 12 लोगों के विरूद्ध मामले दर्ज हुए, परंतु आज तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। उन्हें पता चला है कि पुलिस ने मुदकमा भी खारिज कर दिया है।

पन्नू ने कहा कि गांव दीनेकी पंचायत की 35 एकड़ जमीन पर 60 लाख रुपये के लगे सफेदे के पेड़ भी जीरा ने काटकर बेच दिए। इसके अलावा सरहद से सटी किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीनों से जबरन फसल काटकर कब्जा करने जैसे अन्य आरोप भी एमएलए जीरा व उनके करीबियों पर पन्नू द्वारा लगाए गए। उक्त सभी मामलों की जांच करवाए जाने के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार के मुखिया कैप्टन अमरिंदर सिंह से निष्पक्ष जांच के लिए हाई कोर्ट के जज से जांच करवाए जाने की मांग की है।

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