दिव्यांग बच्चों की हालत सह नहीं पा रहे माता-पिता, पीएम से मांगी इच्छा मृत्यु
फिरोजपुर के गुरहरसहाय का एक दंपती अपने तीन दिव्यांग बच्चों की हालत नहीं देख पा रहा है। गुजारे का कोई साधन नहीं होने के कारण इस दंपती ने पीएम से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।
दीपक वधावन, गुरुहरसहाय (फिरोजपुर)। कोई भी माता-पिता औलाद का दुख बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। कोई भी मुसीबत आ जाए लेकिन बच्चों की भलाई की सोचते हैं। गुरुहरसहाय के मनोहर लाल व शशि बाला के तीनों बच्चे दिव्यांग हैं और उन्हें अब बच्चों के भविष्य के बारे में सोच कर परेशान हैं। आर्थिक तंगी से परेशान इस दंपती ने प्रधानमंत्री से स्थायी नौकरी देने या इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग की है।
उनका 33 वर्षीय बड़ा बेटा गगन, 28 वर्षीय बेटी निशु और सबसे छोटा बेटा 24 वर्षीय अंकुश तीनों दिव्यांग हैं। परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। माता-पिता परेशान हैं कि तीनों बच्चे दिव्यांग हैं और किसी के पास रोजगार नहीं है। उनके न रहने के बाद बच्चों का इस दुनिया में क्या होगा। इसलिए माता-पिता ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर परिवार में किसी को स्थायी नौकरी या फिर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।
गुरुहरसहाय के आदर्श नगर के रहने वाले मनोहर लाल की शादी करीब 35 साल पहले शशि बाला से हुई थी। वे गुरुहरसहाय में टिफिन सर्विस और रिश्तेदारों की मदद से जिंदगी गुजार रहे हैं। मनोहर ने बताया कि बड़े बेटे की गगन की टांगों को ठीक करवाने के लिए उन्होंने लाख कोशिशें कर ली लेकिन सफल नहीं हो पाए। बेटी निशु जन्म से ही पूरी तरह दिव्यांग है। तीसरे बच्चे के दिव्यांग होने के बाद से वे पूरी तरह टूट चुके हैं।
तीनों बच्चों का खाना खिलाना, संभालना, नहलाना सब माता-पिता को ही करवाना पड़ता है। वे लोग तीन दशक से यह तपस्या कर रहे हैं। सबसे छोटा बेटा ट्राइसाइकिल चला सकता है और उसने 11वीं तक की पढ़ाई पूरी कर ली है।
कई बार लगाई गुहार किसी ने नहीं सुनी पुकार
मनोहर का कहना है कि सरकार व प्रशासन से वे कई साल से मदद की गुहार लगाते आ रहे हैं। लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। वर्ष 2016 में जिला प्रशासन ने एक अर्जी पर गौर करते हुए एसडीएम गुरुहरसहाय को लोन देने के लिए लिखा था लेकिन वह भी नहीं मिला।
प्रशासन करेगा हर संभव सहायता : डीसी
डीसी रामवीर का कहना है कि यह मामला मीडिया से ही उनके सामने आया है। प्रशासन की ओर से परिवार को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।