सोने की तेजी के बावजूद ग्राहक हो रहे आकर्षित
सोने की खरीद-फरोख्त को एक खास व्यापार के पहलू से भी जोड़ा जाता है क्योंकि कईयों का यह सोचना है कि प्रापर्टी भले ही डाउन चली जाए लेकिन सोने के भाव अधिक प्रतिशत बढ़ तो सकते है लेकिन कम होने का चांस बहुत ही कम होते है।
जतिन्द्र पिकल, फिरोजपुर : समय, परीस्थितियां व जगह कोई भी हो लेकिन गोल्ड (सोने) के बारे में सबकी खरीदने व बेचने के लिए अधिकतर एक ही राय होती है। सोने की खरीद-फरोख्त को एक खास व्यापार के पहलू से भी जोड़ा जाता है क्योंकि कईयों का यह सोचना है कि प्रापर्टी भले ही डाउन चली जाए लेकिन सोने के भाव अधिक प्रतिशत बढ़ तो सकते है लेकिन कम होने का चांस बहुत ही कम होते है। वहीं सरकार की तरफ दिसंबर माह में हालमार्किग सोने के बारे में घोषणा की गई कि 15 जनवरी 2021 से पूरे देश में हालमारक सोने की बिक्री भी की जाएगी। यह बिक्री 14 कैरेट, 18 कैरेट व 22 कैरेट में होगी और इसके लिए भले ही सरकार की तरफ से तैयारी शुरू की जा चुकी है लेकिन अभी तक फिरोजपुर में ऐसा कोई सेंटर नही बनाया गया है। ग्राहक अपनी पंसद पर ही कर रहा है सोने की खरीद
वर्षो से अपने पिता के साथ ज्वैलरी का काम कर रहे हरमीत सिंह का कहना है कि भले ही सोना आम हो या फिर हालमार्क, सबसे पहली पंसद तो ग्राहक की ही मानी जाती है। लॉकडाउन के बाद भले ही बाजार आर्थिक मंदी से अभी भी उभर नहीं पाया है लेकिन यह भी सच है कि दुनियादारी के काम जैसे तैसे चल ही रहे है। बेशक शादी समारोह आयोजित नहीं हो रहे हैं लेकिन शादियां तो हो ही रही हैं। इसी के चलते जिन परिवारों में अक्टूबर से लेकर आगामी कुछ माह तक शादियों की तारीख निकलवा ली गई है वह इस डर से अभी से सोने की खरीद कर रहे है कि कहीं सोने के भावों में और अधिक उछाल देखने को न मिल जाए। खरीद के साथ ही सोना बेचने भी आ रहे हैं लोग
एसके ज्वैलर के संजीव कुमार का कहना है कि सोना खरीदने के साथ ही सोने को बेचने वाले ग्राहक भी आ रहे है कारण है चल रही आर्थिक मंदी। मिडल क्लास परिवारों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत यह होती है कि अधिकतर परिवार समाज में बनाई अपनी इज्जत चलते न तो किसी से उधार मांग सकते है और न ही किसी के सामने हाथ फैला सकते है जिसके चलते उनके पास परिवारिक स्दस्यों के लिए बनाए गए सोने को बेचने के अलावा कोई और रास्ता नहीं रह जाता।