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एमबीबीएस की फीसों में की 77 फीसद बढ़ोतरी का ''आप'' ने किया विरोध

संवाद सूत्र जीरा (फिरोजपुर) आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के महासचिव डॉ. अजमेर कालड़ा अ

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 06:00 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 06:00 PM (IST)
एमबीबीएस की फीसों में की 77 फीसद बढ़ोतरी का ''आप'' ने किया विरोध
एमबीबीएस की फीसों में की 77 फीसद बढ़ोतरी का ''आप'' ने किया विरोध

संवाद सूत्र, जीरा, (फिरोजपुर) : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के महासचिव डॉ. अजमेर कालड़ा और यूथ आप नेता आशु बांगड़ ने पंजाब सरकार द्वारा एमबीबीएस की फीसों में 77 फीसद बढ़ोतरी करने के फैसला के विरोध किया है।

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इस मौके पर कालड़ा ने कहा कि कैप्टन सरकार ने फीस बढ़ाते समय सुप्रीम कोर्ट के तीन साल के बाद 15 फीसद तक फीस बढ़ाने के दिशा निर्देशों को भी अनदेखा किया है। उन्होंने कहा कि फीस में बढ़ोतरी होने के कारण प्रदेश में गरीब तथा मध्यवर्गीय परिवारों के बच्चों के लिए डॉक्टर बनना बहुत मुश्किल हो जाएगा तथा इस बढ़ोतरी के कारण सेहत सुविधाएं भी आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाएंगी।

डॉ. कालड़ा ने बताया कि जहां पंजाब के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की फीस अब 4.40 लाख से बढ़कर 7 लाख 80 हजार की गई है, वहीं केजरीवाल सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस मात्र 20 हजार रखी है।

उन्होंने कहा कि लोगपक्षीय तथा लोक विरोधी सरकारों में यही फर्क होता है।

डॉक्टर कालडा तथा आशु बांगड़ ने बताया कि बादल सरकार ने 30 जुलाई 2013 में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस प्रति विद्यार्थी 20 लाख रुपये से 30 लाख रुपये कर दी, फिर 7 मार्च 2014 को यह 30 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दी। 2017 में सत्ता में आई कांग्रेस ने फीस में 77 फीसद तक बढ़ोतरी कर दी है।

इससे अब सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस पांच साल के लिए प्रति विद्यार्थी 4.40 लाख से 7.80 लाख रुपये, प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में सरकारी कोटे के लिए 13.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 18 लाख रुपये तथा मैनेजमेंट कोटे से 40.30 लाख से बढ़ाकर 47 लाख कर दी है। जोकि माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों की उल्लंघना है।

उन्होंने मांग की है कि विद्यार्थियों से हो रही लूट पर नकेल कसने के लिए ज्यूडिशियल कमिशन गठित किया जाए।


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