शेल्टर होम की कमी के चलते बच्चों की पहचान तक सिमटी बाल मजदूरी के खिलाफ मुहिम
बाल मजदूरी के खिलाफ सोमवार को जिला प्रशासन ने अभियान शुरू किया।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : बाल मजदूरी के खिलाफ सोमवार को जिला प्रशासन ने अभियान शुरू किया। सरकारी दावे के मुताबिक बाल मजदूरी करने वाले बच्चों को रिकवर तो किया लेकिन कुछ बच्चों की उम्र अधिक है। जिनका आधार कार्ड देख कर उन्हें छोड़ा जाएगा। जिला बाल सुरक्षा अधिकारी आशीष शर्मा ने कहा फिलहाल वे कोई जानकारी नहीं दे सकते। पहले दिन शहर के दिल्ली गेट इलाके में बाल मजदूरी के खिलाफ मुहिम शुरू की गई लेकिन सूत्रों की मानें तो शेल्टर होम की कमी और बच्चों की जिम्मेदारी से बचते हुए उनकी सिर्फ पहचान की गई और सबसे आधार कार्ड मांगे गए हैं।
पहले दिन जिला बाल सुरक्षा अधिकारी, शिक्षा विभाग और सेहत विभाग के सदस्यों ने शहर के बाजारों में दुकानों की जांच की। जिला बाल सुरक्षा अधिकारी आशीष शर्मा ने कहा कि कई बच्चों का शारीरिक विकास देखकर उनकी उम्र का पता नहीं चलता अब कितने बच्चों को संभालना है या कितनों को छोड़ना है ये बाद में कमेटी ही तय करेगी। बाल मजदूरी विरोधी सप्ताह में अभी कई जगह जांच करनी है। दुकानों पर मजदूरी करते मिले बच्चे
सोमवार को जिले की फैक्ट्रियों, ईंट भट्ठों की जांच नहीं हो सकी। सप्ताह की शुरुआत में ही बच्चे दुकानों पर मजदूरी करते मिले। डीसी अमृत सिंह ने कहा बाल मजदूरी कराने वालों पर मौके पर ही पर्चा दर्ज किया जाएगा और बाल मजदूरों को पुनर्वास के लिए भेजा जाएगा। इस अभियान के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है जिसमें जिला बाल सुरक्षा अधिकारी, मेडिकल अफसर, डिप्टी डायरेक्टर आफ फैक्ट्री, नगर कौंसिल अधिकारी और पुलिस मुलाजिम शामिल हैं। अभियान के दौरान तैयार रिपोर्ट सहायक श्रम कमिश्नर को भेजी जाएंगी। अंधेरा होते ही सड़कों पर भीख मांगने लगते हैं बच्चे
दिन ढलने के बाद शहर और आसपास के इलाकों में बने फूड प्वाइंट के बाहर छोटे बच्चे भीख मांगने निकलते है। बच्चों के भीख मांगने पर शहरवासियों को भी वहां खड़े रहने में परेशानी होती है। कुछ बच्चे गुब्बारे लेकर लोगों को गुब्बारा खरीदने के लिए मजबूर करते हैं तो कुछ गाड़ियों के शीशे साफ कर खाना मांगते हैं। बाल मजदूरी सप्ताह के दौरान ऐसे बच्चों का पुनर्वास केवल कागजों में ही होता है। सप्ताह में किसकी क्या है जिम्मेदारी
- बाल सुरक्षा अधिकारी बच्चों को शेल्टर होम ले जाने का प्रबंध करेंगे।
- मेडिकल अफसर बाल मजदूरी करने वाले बच्चों का मेडिकल करेंगे।
- पुलिस मुलाजिम बाल मजदूरी कराने वालों पर कानूनी कार्रवाई करेंगे।
- जिला शिक्षा अधिकारी बाल मजदूरों को सर्व शिक्षा अभियान तहत पढ़ाई का इंतजाम करेंगे।
- नगर कौंसिल शेल्टर होम व्यवस्था में सहयोग करेंगे।