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अब कभी भी आ सकेंगे आप हुसैनीवाला बार्डर, दिनभर खुला रहेगा बीएसएफ संग्रहालय

हुसैनीवाला बार्डर पर पर्यटकों के लिए बीएसएफ का संग्रहालय अब दिनभर खुला रहेगा। अब तक पर्यटक शाम के समय रिट्रीट सेरेमनी से कुछ समय पहले ही इसे देख पाते थे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 11:07 AM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 08:58 AM (IST)
अब कभी भी आ सकेंगे आप हुसैनीवाला बार्डर, दिनभर खुला रहेगा बीएसएफ संग्रहालय
अब कभी भी आ सकेंगे आप हुसैनीवाला बार्डर, दिनभर खुला रहेगा बीएसएफ संग्रहालय

फिरोजपुर [प्रदीप कुमार सिंह]। हुसैनीवाला बार्डर पर पर्यटकों के लिए बीएसएफ का संग्रहालय अब दिनभर खुला रहेगा। अब तक पर्यटक शाम के समय रिट्रीट सेरेमनी से कुछ समय पहले ही इसे देख पाते थे। सरहद पर बीएसएफ के संग्रहालय में शहीद-ए आजम भगत सिंह की वह पिस्तौल भी मौजूद है, जिससे अंग्रेज अधिकारी जॉन सांडर्स को मारा गया था। बार्डर पर पर्यटकों को घूमने-फिरने के साथ ही खाने-पीने की सुविधा का भी प्रबंध किया जा रहा है।

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हुसैनीवाला बार्डर पर भारत-पाकिस्तान के मध्य होने वाली रिट्रीट सेरेमनी देखने के लिए फिलहाल दर्शकों की पंजाब के लोगों की ज्यादा होती है। ऐसे में बीएसएफ पंजाब सरकार के साथ मिलकर हुसैनीवाला बार्डर को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने जा रही है, ताकि यहां पर भी अटारी-बाघा बार्डर की भांति देश-विदेश से बड़ी तादात में पर्यटक पहुंच सकें।  तैयार रूपरेखा की अंतिम स्वीकृत के लिए लिए गृहमंत्रालय के पास फाइल भेजी गई है।

इन स्थानों को बनाया जाएगा पर्यटन हब

बीएसएफ के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि हुसैनीवाला बार्डर को पर्यटन हब पैकेज के रूप में विकसित किया जाना है, इसमें हुसैनीवाला बार्डर स्थित रिट्रीट सेरेमनी, बीएसएफ का संग्रहालय, शहीदों की समाधि स्थल, समाधि स्थल के नजदीक लाइट एंड साउंड, सेना द्वारा बनाया गया प्रेरणा स्थल, फिरोजपुर छावनी स्थित सारागढ़ी गुरुद्वारा व बरकी मेमोरियल शामिल है। इसके अलावा ऐतिहासिक हुसैनीवाला रेलवे स्टेशन को भी स्मारक के तौर पर विकसित किया जाना है।

संग्रहालय में बीएसएफ के हथियार व शहीदों के हाथों से लिखे गए पत्र मौजूद

1970 में भारत-पाकिस्तान के मध्य हुसैनीवाला बार्डर पर रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत हुई थी। पाकिस्तान की अपेक्षा भारतीय दर्शक दीर्घा को आधुनिक रूप देने व इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए 22 अक्टूबर 2010 को देश के तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम द्वारा इसका नींव पत्थर रखा गया था। इसे बनाने में 16.40 करोड़ खर्च हुए है। संग्रहालय में बीएसएफ द्वारा प्रयोग किए जाने वाले सभी छोटे-बड़े हथियार, भगत सिंह की पिस्तौल, शहीदों के हाथों से लिखे गए ऐतिहासिक पत्र के अलावा बीएसएफ ने अपने वीर सपूतों की उपलब्धियों को संजोया है।

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