जिले के 10 कोच को नहीं आने दिया रोजी-रोटी का संकट
कोरोना ने सारी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है जिसके चलते रोजाना कमाकर खाने वालों को रोटी के लाले पड़ गए हैं।
जतिन्द्र पिकल, फिरोजपुर : कोरोना ने सारी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है, जिसके चलते रोजाना कमाकर खाने वालों को रोटी के लाले पड़ गए हैं। फिरोजपुर जिसे को शहीदों की धरती कहा जाता है। यहां पर किसी को भी भूखा सोने नहीं दिया गया। वहीं खेल जगत में बच्चों को किसी भी खेल के लिए तैयार कर रहे कोच को भी लॉकडाउन व कर्फ्यू के चलते किसी प्रकार कोई परेशानी नहीं आने दी गई। क्योंकि फिरोजपुर जिले में मुख्य रूप से जो पक्के तौर पर कोच तैनात हैं उन्हें ही नहीं बल्कि अन्य को भी उनके हक की रोटी व अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए वेतन दिया जा रहा है। गया।
फिरोजपुर के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में मौजूदा समय में 10 कोच हैं जिनमें हैंडबॉल व तैराकी के दो पक्के कोच हैं, वहीं पर तीन कोच कच्चे तैनात किए गए है जबकि दो कोच एसोसिएशन की तरफ से दिए गए है और दो कोच आरजी तौर पर रखे हुए है। कोरोना के चलते जहां हर तरफ अन्य गतिविधियों के साथ खेल गतिविधियां भी बंद हो गई जिसके चलते किसी प्रकार की कोई कोचिंग, ट्रेनिग या तैयारी नही करवाई गई जिसके चलते सबके सामने मुख्य परेशानी थी कि घरों के चूल्हे कैसे जलेंगे। सबको बिना किसी कटौती के वेतन दिया गया
जिला खेल अधिकारी सुनील शर्मा का कहना है कि उनके पास मौजूदा दौर में कुल मिलाकर 10 कोच हैं जिन्हें विभाग की तरफ से किसी प्रकार की कोई कटौती किए बिना उनका वेतन लगातार दिया जाता रहा है। खेलों की शुरूआत के सवाल पर उन्होंने कहा कि विभाग के उच्चाधिकारियों की तरफ से जल्दी कोई नए दिशा-निर्देश आने वाले हैं, उसके मुताबिक खेलें शुरू कर दी जाएंगीं। जबकि कुछेक खेलें जिनमें आपसी दूरी रखी जाती है वह चल रही हैं। बच्चे सुबह आकर प्रेक्टिस करते हैं, लेकिन बाकी खेलों को आगामी आदेशों के मुताबिक ही शुरू किया जाएगा।