सेना ने फिर रोका हुसैनीवाला पुल का काम
भारत-पाक सीमा पर हुसैनीवाला पुल का काम सेना ने रोक दिया है। स्थानीय लोगों की वर्षों की मांग के बाद इसका काम शुरू हुआ था।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ । भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक व्यापार बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हुसैनीवाला पुल का काम सेना ने रोक दिया है। स्थानीय लोगों की वर्षों की मांग के बाद इसका काम शुरू हुआ था। लुधियाना से फिरोजपुर तक सिक्स लेन हाईवे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।
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फिरोजपुर जिले में भारत-पाक सीमा को जाने वाले हाईवे पर एकमात्र फ्लाई ओवर का काम भी शुरू हो गया है। इसके बाद हुसैनीवाला सीमा तक मार्ग क्लीयर हो जाएगा। अब सिर्फ हुसैनीवाला पुल का काम ही शेष है। इसका टेंडर हो चुका है, लेकिन अब सेना ने इसका काम रोक दिया है।
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इसकी पड़ताल को लेकर पिछले माह नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर की टीम भी दौरा कर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप चुकी है। निर्माण का ठेका लेने वाली कंपनी ने मौके पर अपना साइट ऑफिस बनाकर काम भी शुरू कर दिया था। सेना ने मार्च में पुल का निर्माण शुरू किया था। इसके एक हफ्ते बाद सेना ने काम बंद कर दिया। दोबारा अप्रैल में काम शुरू किया गया, लेकिन अब फिर काम रोक दिया गया है।
सामरिक रूप से महत्वपूर्ण
भारत-पाक के बीच 1971 की जंग में इसी पुल के जरिए पाक सेना ने भारत की सीमा में घुसने की कोशिश की थी। उस समय भारतीय सेना ने सतलुज दरिया पर बने हुसैनीवाला पुल का एक हिस्सा तोड़ दिया था। इसके चलते पाक सेना सीमा में प्रवेश नहीं कर पाई थी। हालांकि, पाक सेना ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखवेद की समाधि स्थल पर कब्जा कर लिया था। बाद में इसे एक समझौते के तहत पाक ने इसका कब्जा भारत को दे दिया था।
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अभी तक अस्थायी पुल था
1971 की लड़ाई के बाद सेना ने सतलुज दरिया पर करीब 40 मीटर के हिस्से पर लकड़ी का पुल बनाकर शहीदों की समाधि स्थल तक का रास्ता बनाया था। 44 सालों से इसी का इस्तेमाल किया जा रहा है। हुसैनीवाला पुल से ही सतलुज दरिया के आसपास बसे 9 गांवों को भी रास्ता जाता है। यह मार्ग भारत-पाक व अफगानिस्तान तक व्यापार के लिए सबसे नजदीक है। इसे खोलने की मांग भी कई वर्षों से चल रही है। सीमा पर 18000 एकड़ जमीन में खेती करने वाले हजारों किसानों के लिए यह काफी फायदेमंद है।
नई गैलरी का उद्घाटन भी लटका
हुसैनीवाला में रिट्रीट सेरेमनी देखने के लिए हाल ही में नई गैलरी का निर्माण किया गया था। पहले गैलरी में 700 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी। नई गैलरी में 3500 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। इसका उद्घाटन भी रुका पड़ा है। इसे बने छह माह से अधिक का समय हो चुका है। गृह मंत्रालय की टीम तीन बार सीमा का दौरा कर चुकी है। पिछले माह नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर की टीम ने भी यहां का दौरा कर पड़ताल की थी।
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