रेलवे ने अमृतसर में हादसा करने वाली डीएमयू ट्रेन के चालक व गार्ड को छुट्टी पर भेजा
मृतसर रेल ट्रेक पर हुए दर्दनाक हादसे के मामले में रेलवे ने डीएमयू ट्रेन के ड्राइवर, गार्ड व गेटमैन को छुट्टी पर भेज दिया है।
फिरोजपुर [प्रदीप कुमार सिंह]। विजयदशमी के दिन अमृतसर रेल ट्रेक पर हुए दर्दनाक हादसे के मामले में रेलवे ने डीएमयू ट्रेन के ड्राइवर, गार्ड व गेटमैन को छुट्टी पर भेज दिया है। रेलवे ने यह फैसला तीनों की सुरक्षा को लेकर लिया है। घटना की जांच मजिस्ट्रेट व एसअाइटी द्वारा अलग-अलग की जा रही है। दोनों द्वारा रेलवे से जोे भी जानकारी मांगी जा रही है उसे रेलवे उपलब्ध करवा रहा है। घटना में शामिल डीएमयू ट्रेन के पटरी पर लौटने को लेकर संशय है।
जिस डीएमयू ट्रेन से हादसा हुआ अरविंद कुमार चला रहा था, जबकि ट्रेन में गार्ड मिथलेश कुमार ड्यूटी कर रहा था। घटनास्थल से चार सौ मीटर दूर गेट नंबर 27 पर अमित सिंह ड्यूटी पर तैनात था। इन तीनों को सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा घटना का दोषी बताया जा रहा है, जबकि रेलवे द्वारा तीनों को क्लीनचिट दी जा रही है।
सोशल मीडिया पर तरह-तरह की आ रही खबरों व लोगों के आक्रोश को देखते हुए रेलवे ने तीनों की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है, हालांकि रेलवे द्वारा दावा किया जा रहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा घटना की करवाई जा रही मजिस्ट्रेट व एसआईटी की जांच में जब भी जरूरत होगी तीनों उपस्थित होंगे।
एडीआरएम एनके वर्मा ने बताया कि ड्राइवर, गार्ड व गेटमैन को सुरक्षा के मद्देनजर ड्यूटी से फिलहाल दूर रखा गया है। उन्होंने बताया कि घटना में शामिल रही यार्ड मेंं खड़ी डीएमयू ट्रेन पर उन्होंने कहा कि फिलहाल वह यार्ड में खड़ी है, घटना की जांच चल रही है, इससे ज्यादा वह कुछ नहीं बता सकते है।
ट्रेन की गति 91 से घटकर 68 तक हो गई थी
रेल अधिकारियों के अनुसार रेलवे ट्रैक पर अंधेरे में लोगों की भीड़ डीएमयू चालक को दूर से नहीं दिखाई पड़ी, नजदीक पहुंचने पर जब उसे लोगों की भीड़ का अहसास हुआ तो उसने ट्रेन की गति इमरजेंसी ब्रेक लगाकर कम करनी चाहिए। उस समय ट्रेन की गति 91 किलोमीटर प्रति घंटा थी, ब्रेक लगाने पर यह स्पीड़ घटकर 68 किलोमीटर तक पहुंच गई थी, लेकिन लोगों के पथराव के बाद ड्राइवर ने दोबारा गति बढ़ा दी।
इसके अलावा दावा किया जा रहा है कि जिस जगह पर हादसा हुआ वहां से गेट नंबर 28 चार सौ मीटर और गेट नंबर 27 ग्यारह सौ मीटर दूर है। ऐसे में रात्रि के समय दोनों गेटों से अंधेरे में ट्रैक पर हो रही गतिविधियों को ठीक से देख पाना मुश्किल है।