कांग्रेस की जीत के बाद कौंसिल प्रधानगी के लिए लगी दावेदारों की लाइन
आजादी के सात दशक बाद फिरोजपुर नगर कौंसिल में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद अब पार्षदों में कौंसिल का प्रधान बनने की होड़ लग गई है।
तरूण जैन, फिरोजपुर : आजादी के सात दशक बाद फिरोजपुर नगर कौंसिल में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद अब पार्षदों में कौंसिल का प्रधान बनने की होड़ लग गई है। बेशक पहली पसंद में शहरियो की जुबां पर रिकू ग्रोवर का नाम आगे आ रहा हो, लेकिन प्रधानगी के दावेदार गुप्त मीटिगों में खुद प्रधान बनने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं और विधायक परमिंदर सिंह पिकी से नजदीकियां बढ़ाने का दौर भी शुरू कर दिया है। कोई खुद को सबसे ज्यादा लीड से जीतने के कारण दावेदार बता रहा है तो कोई कट्टर कांग्रेसी होने का दावा ठोक रहा है। लेकिन अध्यक्ष कौन बनेगा, इसका आखिरी फैसला विधायक पिकी पर निर्भर करता है। सभी की नजरे पिकी पर पूरी तरह से टिकी हुई है।
शहर के 33 वार्डो में जीतने के बाद दो बार लगातार विधायक रह चुके परमिंदर सिंह पिकी का कद शहर व पार्टी हाईकमान में सबसे ऊंचा हुआ है। बेशक पिकी इसे विकास की जीत बता रहे हो, लेकिन इन चुनावों में ना सिर्फ पिकी बल्कि उनकी पत्नी इंद्रजीत कौर खोसा व उनके साले हरजिंद्र सिंह बिट्टू सांघा ने भी अहम भूमिका निभाई है। उनकी ओर से लगातार उम्मीदवारो के साथ चुनाव प्रचार जारी रखा ताकि कांग्रेस बहुमत हासिल कर सके।
चुनावो में ज्यादातर नए चेहरे ही पार्षद बने हैं और उनमें से अधिकतर लोगों ने भाजपा का फूल छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामकर चुनाव जीता है। इनमें कई लोग दूसरी बार तो कई एक परिवार से लगातर तीन बार पार्षद बने हैं। ऐसे लोग बेशक खुलकर दावेदारी ना ठोक रहे हों, लेकिन दबी जुबां में खुद को कमेटी में अहम स्थान देने की बात जरूर कह रहे हैं।
रिकू ग्रोवर जोकि वार्ड नंबर छह के निवासी है और इन चुनावो में अपना वार्ड नंबर 26 नंबर जोकि शहर का सबसे पाश एरिया है, वहां से चुनाव लड़े थे। वर्ष 2017 में राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद ज्यादा भाजपा पार्षद कांग्रेस के पाले में आ गए थे तो नगर कौंसिल का कार्य रिकू ग्रोवर की ओर से ही करवाया जाता रहा है। इसलिए भी रिकू का नाम प्रधानगी की सूची में सबसे आगे है।
कांग्रेस से जीती साक्षी खुराना, यामिनी शर्मा, ऋषि शर्मा, कपिल, राजेंद्र सिप्पी ने कहा कि पार्टी व विधायक जिसे भी प्रधान बनाएंगे, उन्हें मंजूर है। वह राजनीति की बजाय लोगों की सेवा के लिए पार्षद बने है ताकि क्षेत्र का बहुमुखी विकास करवाया जा सके। सोशल मीडिया पर सर्वे शुरू
कांग्रेस की पहली बार इतनी बड़ी जीत के बाद बेशक कांग्रेस के ही कई बड़े चेहरे हैरान हो, लेकिन सोशल मीडिया पर अब प्रधानगी के नाम को लेकर सर्वे शुरू हो गया है। हर किसी की ओर से अपने पसंदीदा पार्षद का नाम कमेंट बाक्स में डालकर उसे प्रधान बनाने की तरफ रूझान है। कयासों का दौर भी शुरू
कांग्रेस की पूरी सियासत विधायक की कैंट स्थित कोठी से चलती है। लोगों की ओर से कयास लगाने का दौर भी शुरू हो गया है। कोई कह रहा है कि प्रधानगी की सीट एससी महिला रिजर्व हो गई है तो कोई महिला जरनल रिजर्व की बात कह रहा है। किसी की जुबां पर है कि किसी साधारण आदमी को ही प्रधानगी की कमान मिलेगी।