बोर्ड परीक्षा देने से वंचित रह गए ढाई सौ के करीब बच्चे
शिक्षा बोर्ड की कट लिस्ट की नीति फिरोजपुर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में परीक्षा देने वाले बच्चों पर वीरवार को भारी पड़ गई कारण यह था कि कंप्यूटर एजूकेशन की परीक्षा देने वाले 250 के करीब बच्चों को परीक्षा केंद्रों में बैठने के लिए इस कारण अनुमति नही दी गई।
संवाद सहयोगी,फिरोजपुर
शिक्षा बोर्ड की कट लिस्ट की नीति फिरोजपुर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में परीक्षा देने वाले बच्चों पर वीरवार को भारी पड़ गई, कारण यह था कि कंप्यूटर एजूकेशन की परीक्षा देने वाले 250 के करीब बच्चों को परीक्षा केंद्रों में बैठने के लिए इस कारण अनुमति नही दी गई .क्योंकि इन बच्चों के पास प्रिटड हस्ताक्षर चार्ट व आन लाइन हस्ताक्षर का सबूत नही था । जबकि परीक्षा देने से वंचित रहने वाले इन बच्चों के पास शिक्षा बोर्ड की तरफ से भेजा गया रोल नंबर वाला दस्तावेज था,लेकिन इन बच्चों को परीक्षा में बैठने नही दिया जिससे इन बच्चों का आने वाले दिनों का भविष्य बिगड़ सकता है ।
विभागीय सूत्रों की बात करें तो अकेले शहर के बांसी गेट के निकट एसडी स्कूल में बने परीक्षा केंद्र से चालीस के करीब प्राइवेट तौर पर परीक्षा देने वाले इन बच्चों जोकि जिले के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे थे मायूस लौटना पड़ा । ऐसा होने से वह अपने भविष्य के बारे चितत हो रहे थे । दूसरी तरफ शिक्षा बोर्ड के मुलाजिमों का कहना है कि इस परीक्षा में जिला फिरोजपुर से 11 हजार से ज्यादा बच्चे कंप्यूटर साइंस व सेहत व शरीरिक शिक्षा का एग्जाम दे रहे थे ।
इन बच्चों पर बोर्ड का यह फरमान पड़ा भारी
शिक्षा बोर्ड मोहाली की तरफ से जारी फरमान के मुताबिक कंप्यूटर सेल के सुपरिटेंडेंट ने कहा था कि री-पीयर परीक्षा अधीन दसवीं श्रेणी के ग्रेडिड वाले विषय भाव कंप्यूटर साइंस व सेहत व शरीरिक शिक्षा व इलेक्टिव विषयों की लिखित व प्रयोगी परीक्षा सिर्फ उन परीक्षार्थियों की ही ली जाएगी जिनके प्रिटड हस्ताक्षर या फिर आन लाइन हस्ताक्षर चार्ट स्कूल लागइंन आईडी में उपलब्ध हो ष चाहे किसी अन्य परीक्षार्थी के अडमिट कार्ड पर वह विषय प्रिट हों, री-पीयर अधीन दसवीं श्रेणी के ग्रेडिग वाले विषय भाव कंप्यूटर साइंस व अन्य परीक्षा उन परीक्षार्थियों की हो रही है ।
-- डीईओ ने कहा प्रश्नपत्र वालों के दिया मौका--
इस मामले में फिरोजपुर के डीईओ नेक सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कट लिस्ट का यह फरमान बोर्ड अधिकारियों की तरफ से जारी किया गया था.जिसको मानना जरुरी था। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उनकी तरफ से उन बच्चों को मौका दिया गया जिनके पास प्रश्नपत्र था. लेकिन प्रश्न पत्र परीक्षार्थी अपने पास से कहां तैयार करते यह अधिकारी के जवाब की पोल खोल रहा है ।