महिलाओं के अंदर भरी रही योग की शक्ति
योग द्वारा जीवन में स्वस्थ रहने व स्वस्थ मन के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुकी है फिरोजपुर की 69 वार्षिक महिला शक्ति चोपड़ा।
जतिन्द्र पिकल, फिरोजपुर : योग द्वारा जीवन में स्वस्थ रहने व स्वस्थ मन के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुकी है फिरोजपुर की 69 वार्षिक महिला शक्ति चोपड़ा। सुबह 4:30 बजे उठना, अपने नित्य कामों को निपटाकर उसके बाद पारकों में जाकर महिलाओं को योग की शिक्षा देना, यही दिनचर्या का हिस्सा है शक्ति चोपड़ा का। बतौर प्रिसिपल रिटायर हुई शक्ति चोपड़ा ने एक बार टीवी पर बाबा रामदेव को योग करते देखा और इससे होने वाले फायदों के बारे में जब जानकारी सुनी तो बस वहीं से उनकी जिदगी मे ऐसा टर्निग ट्रर्निग प्वाइंट आया, जिसने उनके मन में कुछ अलग करने की लालसा जगा दी, जिससे समाज के प्रति उनके बनते फर्ज भी पूरे हो और साथ ही इससे अन्य लोगों का जीवन भी बदल सके। इसके लिए उसे अपने परिवार से भरपूर सहयोग मिला। इनमें शिक्षा विभाग से रिटायर उनके पति व दो बेटियां शामिल हैं।
इससे पहले उन्होंने हरिद्वार जाकर योग के बारे में खुद ट्रेनिग ली और उसके बाद फिर सफर शुरू हुआ महिलाओं के अंदर योग द्वारा एक नई शक्ति भरने का। 10 साल पहले जो योग के जरिए महिलाओं को अंदर व बाहर से सशक्त व मजबृूत बनाने का सिलसिला मौजूदा समय में चल रहा है और उनके मुताबिक जब तक सांस है तब तक वह योग की शिक्षा को देने में अपना जीवन लगा देंगी। अब तक शक्ति चोपड़ा सैकड़ों महिलाओं के अलावा स्कूल व कालेजों में बच्चों व युवाओं को योग की शक्ति का एहसास करवाया है।
इस बारे शक्ति चोपड़ा का कहना है कि कई बार उनके पास शिविर में ऐसे लोग या महिलाएं आती हैं जो कई दिनों तक नींद न आने की शिकायत करती है और वे इसके चलते अपने आप को मानसिक रूप से कमजोर व बीमार समझने लगती हैं, लेकिन मात्र एक सप्ताह के योग करने के बाद नतीजे सबके सामने आने लगते हैं।
उनका मानना है कि योग से केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन भी स्वस्थ रहता है। योग से दूसरों की जिदगी में भी शक्ति भरना उनके जीवन का मकसद हो चुका है। योग का जीवन में बहुत महत्व है और इसी को देखते हुए अनेकों बार वह आर्मी यूनिट में भी महिलाओं को योग करवाने जाती हैं। उनके मुताबिक वह सैकड़ों कैंपों में भी योग के जरिए व महिलाओं के जीवन में इसके गुणों के बारे में अवगत करवा चुकी है। उनका मानना है कि योग करने वाला व्यक्ति कभी भी किसी रोग से ग्रस्त नहीं हो सकता और वह मानसिक व शारीरिक तौर पर भी सदा स्वस्थ व सही सोच का मलिक बना रह सकता है।