लहसुन, मिर्ची की मिश्रित खेती करेगी मालामाल
प्रदीप कुमार ¨सह, फिरोजपुर अपने खास तरह के स्वाद के लिए देशभर में मशहूर फिरोजपुर की हरी मिर्ची क
प्रदीप कुमार ¨सह, फिरोजपुर
अपने खास तरह के स्वाद के लिए देशभर में मशहूर फिरोजपुर की हरी मिर्ची की खेती करने वाले किसानों ने ट्रेंड बदलते हुए इस बार मिर्ची के साथ लहसुन की मिश्रित खेती बड़े पैमाने पर की है। सरहद के किनारे-किनारे सतलुज दरिया के आसपास के गांवों में इन दिनों लहसुन-हरी मिर्च व लहसुन-शिमला मिर्च की मिश्रित खेती खेतों में लहलहा रही है। सात से आठ महीनों में तैयार होने वाली यह मिश्रित खेती किसानों को मालामाल करेगी।
विगत वर्ष हरी मिर्ची का अच्छा भाव होने पर किसानों से एक एकड़ में लगाई गई फसल से ढाई लाख रुपये तक की आमदन हुई थी। इस बार लहसुन की डिमांड व उपलब्धता कम होने से बाजार में पिछले महीने तक अच्छी क्वालिटी का लहसुन ढाई सौ रुपये किलो तक बिका, जबकि अब नई फसल की आवक शुरू होने पर यह सौ से सवा सौ रुपये में बिक रहा है। लहसुन का अच्छा भाव होने के कारण किसानों द्वारा इस बार हरी मिर्ची के साथ लहसुन की मिश्रित खेती की है।
सरहदी गांव कमालूवाला की महिला किसान निर्मल कौर ने बताया कि गत वर्ष उन्होंने लहसुन व मिर्ची की अलग-अलग खेती की थी, पंरतु इस बार खेती माहिरों की सलाह पर मिश्रित खेती की है। फसल अच्छी है। हालांकि इसमें मेहनत ज्यादा है। उन्होंने बताया कि अकेले लहसुन की खेती करने पर प्रति एकड़ औसतन उत्पादन 40 ¨क्वटल तक होता है। मिश्रित खेती से उत्पादन थोड़ा कम तो होगा, पर इसकी भरपाई हरी मिर्च व शिमला मिर्च से हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार उन्होंने प्रयोग के रूप में एक एकड़ में लहसुन के साथ हरी मिर्च व पौना एकड़ में लहसुन के साथ शिमला मिर्च की मिश्रित खेती की है। हरी मिर्च व शिमला मिर्च में फल आने शुरू हो गए हैं। अगले सप्ताह से वह इन्हें तोड़कर बाजार भेजना शुरू कर देंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रति एकड़ पांच लाख रुपये तक की फसल पैदा होने की आशा है।
बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ ना¨रदर ¨सह ने बताया कि फिरोजपुर के किसानों का सब्जियों के साथ दूसरे व्यावसायिक फसलों की ओर तेजी से रूझान बढ़ रहा है। इस बार कई दर्जन किसानों द्वारा लहसुन-हरी मिर्च व लहसुन-शिमला मिर्च की मिश्रित खेती की गई। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यदि गत वर्ष की भांति हरी मिर्ची व लहसुन का भाव अच्छा रहता है तो किसानों को प्रति एकड़ अच्छा लाभ मिलेगा।