युवाओं ने लगाए शहीद बलविदर सिंह अमर रहे के नारे
शहीद कौम का सरमाया हैं जो कौम शहीदों को भूल जाती है उसका अस्तित्व मिट जाता है।
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : शहीद कौम का सरमाया हैं, जो कौम शहीदों को भूल जाती है, उसका अस्तित्व मिट जाता है। ये संदेश कारगिल शहीद बलविद्र सिंह के शहादत दिवस पर डाले गए भोग में रागी जत्थे के सिंह साहिबानों ने दिया। इस दौरान युवाओं ने शहीद बलविद्र सिंह अमर रहे के नारे लगाए। शहीद बलविद्र सिंह ने कारिगल में घुसपैठ करने वाली पाकिस्तानी फौज व आतंकियों को भारतीय सेना में सेवाएं देते हुए नाकों चने चबवाए थे। बलविद्र ने इसी जंग में दुश्मनों से लड़ते हुए मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण देश के लिए वार दिए। शहादत का जाम पीने वाले बलविदर सिंह की याद में शहीद बलविदर सिंह स्पोर्ट्स क्लब व शहीद के स्वजनों ने अखंड पाठ पांच जनवरी को रखा था, जिसका मंगलवार को भोग डाला गया। शहीद के भाई बूटा सिंह व सतनाम सिंह ने बताया कि फाजिल्का के आवा रोड स्थित शहीद बलविदर सिंह नगर जोकि पंजाब सरकार ने उनके शहीद भाई के नाम पर बसाया है। इसमें स्थित उनके आवास पर श्री अखंड पाठ की समाप्ति पर क्लब से जुड़े युवाओं ने शहीद की याद हमेशा ताजा रखने का वचन दोहराया। भोग के बाद अटूट लंगर वितरित किया गया।
शहीद के नाम पर बनी है कॉलोनी व स्कूल
शहीद बलविदर सिंह के परिवार को मान-सम्मान दिया गया। फौज ने ज्यादातर लाभ शहीद के परिवार को दे दिए हैं। राज्य सरकार ने भी शहीद की शहादत को सलामी देते हुए गांव साबूआना के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल का नाम शहीद बलविदर सिंह के नाम पर रखा है, जो अब स्मार्ट स्कूल बनने की तरफ अग्रसर है। गांव से शहर आकर बसे शहीद के परिवार वाले क्षेत्र को शहीद बलविदर सिंह नगर का नाम दिया है। शहीद के छोटे भाई सतनाम सिंह ने बताया कि जब भी कारगिल विजय दिवस आता है और गांव में उसके शहीद भाई के नाम से चल रहे स्कूल में शहीदों के लिए समारोह आयोजित होता है, इससे पूरे परिवार को गर्व महसूस होता है।