अबोहर में बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा
अबोहर विधानसभा क्षेत्र में राजनीति अखाड़ा सज हो चुका है। कांग्रेस शिअद व आप ने उम्मीदवार उतार दिए हैं जबकि भाजपा व किसान समाज मोर्चा भी जल्द उम्मीदवार घोषित कर सकता है।
संस, अबोहर : अबोहर विधानसभा क्षेत्र में राजनीति अखाड़ा सज हो चुका है। कांग्रेस, शिअद व आप ने उम्मीदवार उतार दिए हैं, जबकि भाजपा व किसान समाज मोर्चा भी जल्द उम्मीदवार घोषित कर सकता है। इस बार चुनाव में विकास, शिक्षा व स्वास्थ्य का मुद्दा हावी रहेगा।
बेशक यहां से विधायक भाजपा का रहा, लेकिन सरकार कांग्रेस की होने से शहर का काफी विकास हुआ है। अधिकतर सड़कों का निर्माण हो चुका है, जबकि कुछ का कार्य चल रहा है। सबसे बड़ी समस्या सीवरेज का भी लगभग हल हो चुका है। विकास के कारण ही शहर के नाम गंदे शहरों की सूची में से निकलकर स्वच्छ शहरों की श्रेणी में शामिल हो चुका है। इतना ही नहीं पीने के पानी की समस्या से अकसर ही महिलाएं नाराज रहती थी, लेकिन अब वाटर वर्क्स के पानी की सप्लाई रेगुलर होने से काफी हद तक इस समस्या का निजात भी हो चुका है। अबोहर में रोजगार के लिए बड़े प्रोजेक्ट की कमी है। यहां बड़े स्तर पर इंडस्ट्री की जरूरत है ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। सतापक्ष के दावे के अनुसार करीब 400 करोड़ के विकास कार्य हुए हैं या चल रहे है। उनका कहना है कि शहर की हालत काफी खस्ता हो चुकी थी जिसकी तरफ पिछली दस साल की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। भाजपा इस विकास में केंद्र की अमृत योजना की देन बताती है व शिअद भी इसे बादल सरकार की देन बताती है। यह कार्य हुए
नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा मिला।
शहर में सीवरेज समस्या का हल।
शहर में सरकारी कालेज की हुई शुरूआत, जिसकी मांग लंबे समय से थी।
-अबोहर के एक व गांवों के चार स्कूल हुए अपग्रेड।
-सरकारी अस्पताल में आक्सीजन प्लांट की स्थापना।
-सरकारी अस्पताल में प्लेटलेट्स मशीन की सुविधा व डेंगू के टेस्ट की सुविधा।
-टीबी अस्पताल की हो रही स्थापना
-गांवों में खेल स्टेडियम की स्थापना
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यह कार्य नहीं हुए
रोजागर के लिए किसी बड़ी इंडस्ट्री की स्थापना
-कानून व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई।
-सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की कमी व संसाधनों की कमी।
-नशे पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाया।
-टेलों पर नहरी पानी की कमी दूर नहीं हो पाई।
-गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी।