महिला शक्ति ने बांटे 30 हजार मास्क
भले ही कोरोना वायरस के चलते मिली छूटों के चलते आज किसी भी वस्तु की कालाबजारी नहीं है। लेकिन जब इस बीमारी के बारे में पता चला और सरकार द्वारा मास्क जरूरी कर दिया गया तब मार्केट से एकदम से मास्क खत्म हो गए और महंगे भाव पर मास्क बिकने लगे। तब फाजिल्का की महिला शक्ति के रूप में कार्य कर रही दी वूमैन वेलफेयर सोसायटी ने मास्क बनाने की तरफ ऐसा कदम उठाया कि फिर रुका ही नहीं। आज भी संस्था की ओर से लगातार मास्क बनाने का कार्य जारी है और अब तक संस्था 30 हजार से अधिक लोगों को मास्क उपलब्ध करवा चुकी है।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : भले ही कोरोना वायरस के चलते मिली छूटों के चलते आज किसी भी वस्तु की कालाबजारी नहीं है। लेकिन जब इस बीमारी के बारे में पता चला और सरकार द्वारा मास्क जरूरी कर दिया गया, तब मार्केट से एकदम से मास्क खत्म हो गए और महंगे भाव पर मास्क बिकने लगे। तब फाजिल्का की महिला शक्ति के रूप में कार्य कर रही दी वूमैन वेलफेयर सोसायटी ने मास्क बनाने की तरफ ऐसा कदम उठाया कि फिर रुका ही नहीं। आज भी संस्था की ओर से लगातार मास्क बनाने का कार्य जारी है और अब तक संस्था 30 हजार से अधिक लोगों को मास्क उपलब्ध करवा चुकी है।
संस्था अध्यक्ष सुजाता नारंग ने बताया कि कोरोना वायरस की दवा न बनने के चलते इससे लड़ने का एकमात्र हथियार मास्क ही था, जिसके चलते संस्था ने कोरोना योद्धा यानि बीएसएफ जवानों, सफाई कर्मचारियों आदि को मास्क बनाकर देने का कार्य शुरू किया, लेकिन इसके बाद जरूरत को देखते हुए बड़ी संख्या में मास्क बनाए गए। मंडी में गेहूं के सीजन के चलते दो हजार से अधिक मास्क किसानों को उपलब्ध करवाए गए। इसके अलावा मंदिरों में, सब्जी व फल विक्रेता, मजदूरों आदि को मास्क उपलब्ध करवाए गए। उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से अब तक 30 हजार से अधिक लोगों को मास्क उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि मास्क को बनाने के लिए भी अच्छी क्वालिटी के कपड़े का प्रयोग किया गया। इस प्रोजेक्ट में संस्था से जुड़ी 75 सदस्यों ने पूर्ण सहयोग किया गया। वहीं मास्क को बनाने का कार्य उनकी संस्था की तरफ से चलाए जाने वाले सिलाई सेंटर की अध्यापिकाओं ने किया। मास्क उतारकर कोरोना को ना बुलाएं
अध्यक्ष सुजाता नारंग ने कहा कि भले अब हर घर में लोगों के पास मास्क उपलब्ध है, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे। अभी तक कोरोना की दवाई नहीं बनी, इसलिए मास्क बहुत ही जरूरी है। लोग मास्क को उतारकर अपने पास कोरोना को ना बुलाएं। अगर किसी के पास मास्क नहीं है, तो वह संस्था से संपर्क कर मास्क ले सकता है।
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डाक्टरों का किया सम्मान
जहां संस्था खुद समाजसेवा के कार्य कर रही है। वहीं संस्था द्वारा समय समय पर कोरोना वारियर्स को भी सम्मानित किया गया, जिसके तहत कुछ समय पहले एक सादे समारोह का आयोजन कर कोरोना के मरीजों की सुरक्षा में जुटे डॉक्टरों का सम्मान किया। इस दौरान शहर के विभिन्न डॉक्टरों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका हौसला अफजाई की गई।