किसानों के समर्थन में विभिन्न संगठनों ने निकाला रोष मार्च, समर्थन का आह्वान
फाजिल्का के विभिन्न संगठनों के नेता व सदस्य सोमवार दोपहर तीन बजे फाजिल्का के प्रताप बाग में एकत्रित हुए जहां से उन्होंने एक रोष मार्च बाजारों में निकाला।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : कृषि सुधार कानूनों को लेकर किसान दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं उनके भारत बंद के आह्वान को पंजाब में हर वर्ग का भरपूर समर्थन मिल रहा है। फाजिल्का के विभिन्न संगठनों के नेता व सदस्य सोमवार दोपहर तीन बजे फाजिल्का के प्रताप बाग में एकत्रित हुए, जहां से उन्होंने एक रोष मार्च बाजारों में निकाला। इस रोष मार्च में विभिन्न संगठनों के अलावा शहरवासियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस बंद के आह्वान का पूरा समर्थन करने की अपील की। इस दौरान फाजिल्का के प्रताप बाग में साबका सैनिक वेल्फेयर यूनियन, किसान यूनियन, नौजवान समाजसेवी संस्था फाजिल्का, नार्दर्न रेलवे पेसेंजर्स समिति फाजिल्का, रिटायर्ड पुलिस एसोसिएशन फाजिल्का, ईटीटी जलालाबाद यूनियन, सर्व समाज सर्व कल्याण फाजिल्का, किसान संघर्ष कमेटी फाजिल्का और बार एसोसिएशन फाजिल्का के सदस्य एकत्रित हुए। इस दौरान संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानी को बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बनाए गए कानून अगर किसानों के अनुसार सही नहीं है, तो उसे रद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान अपने परिवारों को छोड़कर पिछले अढ़ाई माह से सड़कों पर संघर्ष करने के लिए मजबूर हैं, लेकिन केंद्र सरकार केवल यह समझ रही है कि पंजाब के किसान ही इसको लेकर आवाज उठा रहे हैं। आज पूरा देश किसानों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के मुश्किल समय जब देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगी थी, तब कोरोना के भय के बीच किसानों ने फसलों के जरिए अर्थव्यवस्था को संभाला। उस किसान की तारीफ करने वाली सरकार की आज किसानों को संघर्ष करने के लिए मजबूर कर रही है, जिसके समर्थन में हर वर्ग उनके साथ। इस दौरान बाजारों में रोष मार्च करके दुकानदारों व आम जनता से आह्वान किया गया कि वह आठ दिसंबर को अपनी दुकानें व व्यापार बंद रखकर किसानों का समर्थन दें। इस दौरान यह रोष मार्च प्रताप बाग से चलकर शास्त्री चौक, गौशाला रोड, श्री राम मंदिर, गांधी चौक, मेहरियां बाजार से होते हुए ऐतिहासिक घंटाघर चौक पर आकर संपन्न हुआ। इस दौरान जगह पर जगह पर ट्रैफिक जाम की स्थिति भी बनी, जिस कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।