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जाखड़ के आश्वासन पर व्यापारियों ने हड़ताल तोड़ी, पांच दिन से मंडी में बैठे किसानों को राहत

शैलर एसोसिएशन व ट्रक यूनियन के बीच चल रहा विवाद फिलहाल थम गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 11:20 PM (IST)
जाखड़ के आश्वासन पर व्यापारियों ने हड़ताल तोड़ी, पांच दिन से मंडी में बैठे किसानों को राहत
जाखड़ के आश्वासन पर व्यापारियों ने हड़ताल तोड़ी, पांच दिन से मंडी में बैठे किसानों को राहत

संवाद सहयोगी, फाजिल्का : शैलर एसोसिएशन व ट्रक यूनियन के बीच चल रहा विवाद फिलहाल थम गया है। व्यापारियों ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ के आश्वासन पर पांच दिन से की हड़ताल समाप्त कर दी है। इससे मंडी में फसलें लेकर बैठे किसानों ने राहत की सांस ली है। ट्रक एसोसिएशन की अभी भी मांग है कि उनके ट्रकों को ही चावलों को बाहर भेजने के लिए प्रयोग किया जाए।

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बीते दिनों शैलर एसोसिएशन का एक शिष्टमंडल कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ से मिला और समस्याएं बताई। शिकायत पर पुलिस ने ट्रक एसोसिएशन के प्रधान व ट्रक ऑपरेटर यूनियन के पदाधिकारी के खिलाफ बाहर से आने वाली गाड़ियों के कागजात छीनने व जबरन पैसे वसूलने का मामला दर्ज कर लिया। इससे गुस्साए ट्रक ऑपरेटरों ने 15 जनवरी को हाइवे पर धरना लगाकर रोष प्रदर्शन किया। शैलर एसोसिएशन ने भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी। इससे किसी भी व्यापारी ने धान नहीं खरीदा।

पांच दिन से मंडी में कर रहा था फसल की रखवाली : किसान करनैल

मंडी में धान लेकर बैठे गांव गांव मुलियांवाली के किसान करनैल सिंह ने बताया कि वह 13 जनवरी को अनाज मंडी धान की फसल लेकर पहुंचा। एक दिन धान की बिक्री नहीं हुई, लेकिन अगले दिन पता चला कि व्यापारियों ने हड़ताल शुरू कर दी गई है। इससे उसे रविवार तक में बैठना पड़ा। सोमवार को व्यापारियों की हड़ताल समाप्त हुई। अब उसकी फसल को खरीद ली है।

ट्रांसपोर्ट से लगे ट्रक

शैलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण धूड़िया ने बताया कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ के आश्वासन पर हड़ताल खत्म कर दी है। एसोसिएशन चावलों को अन्य राज्यों में भेजने के लिए ट्रांसपोर्ट के जरिए ट्रक किराये पर लेगी। इसके लिए किसी की भी धक्केशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रंजम कामरा ने कहा कि पंजाब में ट्रक यूनियनों को भंग कर दिया गया है। शैलर एसोसिएशन अपनी मर्जी से अपने बजट के अनुसार कहीं से भी ट्रक ला सकती हैं।

ट्रक एसोसिएशन की मांग

ट्रक एसोसिएशन की मांग है कि चावलों को बाहर भेजने के लिए उनके ट्रकों को इस्तेमाल किया जाए, ताकि यहां ट्रकों पर कार्य करने वाले आपरेटरों को रोजगार मिल सके। दूसरी ओर शैलर एसोसिएशन का कहना है कि उक्त ट्रकों का किराया बहुत अधिक है, जिससे वे अन्य राज्यों से ट्रकों को मंगवाते हैं।


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