चेहरे पर मास्क तो होगा, लेकिन आपकी पहचान रहेगी बरकरार
नफस अंबालवी की पंक्तियां हैं अक्स उभरेगा गर्द हटा दे पहले धुंधले आईने में चेहरा नहीं देखा जाता।
प्रवीण कथूरिया, अबोहर : नफस अंबालवी की पंक्तियां हैं, अक्स उभरेगा गर्द हटा दे पहले, धुंधले आईने में चेहरा नहीं देखा जाता। हालात कितने भी कठिन हो, सूझबूझ और इच्छाशक्ति से समाधान हासिल किया जा सकता है।
अबोहर के नंगली स्टूडियो के संचालक अशोक वाट्स ने यह कर दिखाया। फोटोग्राफी का व्यवसाय था। कोरोनाकाल में बिजनेस ठहर गया, लेकिन हार नहीं मानी। ऐसा आइडिया खोज निकाला कि व्यापार पटरी पर आने लगा। कस्टमाइज्ड-पर्सनलाइज्ड मास्क का नया कॉन्सेप्ट ले आए।
अशोक वाट्स ने मास्क के पीछे पहचान खो रहे चेहरे को पहचान देने का काम कर अपने मंद पड़ते बिजनेस को नई रफ्तार दे दी। अशोक ने सोचा कि क्यों न ऐसा मास्क बनाएं, जिससे चेहरे की पहचान न खोने पाए। इसके साथ ही उन्होंने चेहरे वाला मास्क तैयार करने की ठानी।
उन्होंने ऐसा मास्क तैयार किया, जिससे मास्क आपके चेहरे पर तो होगा, लेकिन इसके बावजूद आपकी पहचान बरकरार रहेगी। क्योंकि मास्क लगाने पर चेहरे का जो हिस्सा ढक जाता है, वह इस मास्क पर हूबहू प्रिंट होगा। रोजाना आ रहे 50 आर्डर
अशोक वाट्स ने कहा कि जब हमारा फोटोग्राफी का काम कोरोना के कारण बंद हो गया तो हमने बहुत सोचा कि क्या नया कर सकते हैं, जो हमारे बिजनेस को बचा सके। इस तरह आइडिये पर काम किया और मास्क और फोटोग्राफी को जोड़ दिया। लोगों के लिए जब हम पर्सनलाइज्ड मास्क का आइडिया लेकर आए, तो इसे लोगों ने खुब पसंद किया। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन मास्क बनाने के 40 से 50 आर्डर जाते हैं। उन्हें उम्मीद है कि धीरे-धीरे इसका प्रचलन और बढ़ेगा। वाट्स ने बताया कि संबंधित व्यक्ति की फोटो लेने के बाद फोटो में से चेहरे के उस हिस्से को मास्क पर प्रिट करने के लिए कट किया जाता है जो मास्क लगाने पर ढक जाता है। प्रेसिग मशीन के जरिये फोटो के उस हिस्से को मास्क पर प्रिट किया जाता है। मास्क बनाने के लिए विशेष कपड़े का उपयोग करते हैं, जो मानकों पर खरा हो और फोटो भी उस पर प्रिट हो जाए, साथ ही इसे धोया भी जा सके। मास्क की कीमत में अतिरिक्त पैसा सिर्फ फोटो का ही लिया जाता है। पहचान आसानी से हो जाती है : पटवारी पटवारी बलजीत सिंह ने बताया कि उसने भी अपने मुंह का मास्क बनवाया। पहले वह दूसरे मास्कों का प्रयोग करते थे, परंतु उससे कोई जानकार मिलता था तो उसे पहचानने में मुश्किल आती थी, परंतु अब यह मास्क लगाकर उनकी पहचान आसानी से हो जाती है। मानसिक तनाव कम होता है : डॉ. महेश
सिविल अस्पताल के मनो रोग विशेष डॉ. महेश कुमार ने आइडिये को वक्त की जरूरत करार दिया है। कहते हैं कि मास्क के कारण पहनने व देखने वाले, दोनों को असुविधा होती है। ऐसे में अगर मास्क ही ऐसा हो, जिससे पहचान नहीं छिपे, तो दोनों को असुविधा नहीं होगा, जो मानसिक तनाव को कम करने में सहायक है।