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अबोहर में आवारा कुत्तों की दहशत

शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है और रोजाना लोग कुत्तों का शिकार हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 09:51 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 09:51 AM (IST)
अबोहर में आवारा कुत्तों की दहशत
अबोहर में आवारा कुत्तों की दहशत

राज नरूला, अबोहर : शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है और रोजाना लोग कुत्तों का शिकार हो रहे हैं। सितंबर माह के पहले दस दिन में ही आवारा कुत्ते शहर में 68 लोगों को काट चुके हैं, जबकि अगस्त माह में 130 लोग कुत्तों का शिकार बने थे। हर सड़क व गली में कुत्तों की भरमार है और शहर में आवारा कुत्तों की संख्या एक हजार से भी अधिक हो चुकी है, जबकि निगम की ओर से पिछले दो दशक न तो कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई अभियान चलाया और न कुत्तों की नसबंदी के लिए। अकेले सरकारी अस्पताल का अगस्त माह में ही कुत्तों के काटने के 448 मामले सामने आए जिसमें 130 नए केस व 318 पुराने केस शामिल हैं। इनमें से भी हैरानी जनक बात यह है कि पालतु कुत्तों ने 54 लोगों को काट खाया जबकि आवारा कुत्तों ने 76 लोगों को अपना शिकार बनाया। सितंबर महीने की बात करें तो 10 तारीख तक ही कुत्तों के काटने के 68 मामले सरकारी अस्पताल में दर्ज किए जा चुके हैं। सरकारी अस्पताल में निश्शुल्क लगते हैं इंजेक्शन

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सरकारी अस्पताल की टीका इंचार्ज रितु वधवा ने बताया कि कुत्ते काटने के बाद बचाव के लिए चार इंजेक्शन लगाए जाते है जो सरकारी अस्प्ताल में निशुल्क लगते हैं।

कुत्ते के काटने पर बरतें यह सावधानी

1. अगर कुत्ता प्यार से भी चाटता है, तो होशियार हो जाएं, अगर कुत्ते में रैबीज का इंफेक्शन है तो शरीर में भी रैबीज के वायरस आने की आशंका बनी रहती है।

2. कुत्ते के काटने के बाद स्किन पर उसके एक या दो दांतों के निशान दिखाई दें तो एहतियात बरतना जरूरी है। कुत्ते के काटने की अनदेखी घातक हो सकती है। रैबीज का वायरस एक बार शरीर में जाकर सालों तक रह जाता है।

3. आमतौर पर कुत्ता हाथ, पैर या चेहरे में से किसी एक जगह पर ही काटता है। हाथ या चेहरे पर काटने के बाद एक भी गहरा निशान बनता है तो यह खतरनाक है।

जानिए क्या है रैबीज

रैबीज एक वायरस है। अगर यह किसी जानवर में हो और वह जानवर हमें काट ले, खासकर कुत्ता, बिल्ली या बंदर तो इंसान में भी रैबीज हो सकता है। यह वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम को फेल कर देता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति सामान्य नहीं रह पाता। 24 घंटे में जरूरी है एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाना

कुत्ते, बिल्ली या बंदर के काटने के 24 घंटे के अंदर एंटी रैबीज इंजेक्शन जरूरर लगवाएं। 15 दिन में चार इंजेक्शंस लगवाना होता है। प्राइवेट अस्पताल में वैक्सीनेशन का करीब 1200 रुपये खर्च आता है। लेकिन सरकारी अस्पतालों में यह मुफ्त में लगाए जाते हैं। बनाई जाएगी योजना: मेयर मेयर विमल ठठई ने कहा कि आवारा पशुओं व कुत्तों की समस्या काफी गंभीर पुरानी है। इस बाबत योजना बनाकर इनका हल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

कब कितने लोग बने कुत्तों का शिकार

2 अगस्त को 4

3 अगस्त को 6

4 अगस्त को 9

5 अगस्त को 7

6 अगस्त को 5

7 अगस्त को 2

9 अगस्त को 4

10 अगस्त को 1

11 अगस्त को 4

12 अगस्त को 7

14 अगस्त को 2

16 अगस्त को 6

17 अगस्त को 12

18 अगस्त को 5

19 अगस्त को 4

20 अगस्त को 3

21 अगस्त को 7

23 अगस्त को 9

24 अगस्त को 3

25 अगस्त को 4

26 अगस्त को 4

27 अगस्त को 5

28 अगस्त को 10

31 अगस्त को 7

कुल 130


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