क्रोध बुद्धि को, घमंड ज्ञान को व चिता आयु को खाती है: स्वामी कमलानंद
खोटे व्यक्ति का संग जीवन में तन मन और धन तीनों के लिए नुकसानदायक है।
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : खोटे व्यक्ति का साथ जीवन में तन, मन और धन तीनों के लिए नुकसानदायक है। आध्यात्मिक मार्ग को अपनाने के लिए सभी स्थितियों को शांति पूर्वक सहने की क्षमता रखनी जरूरी है। यह शब्द स्वामी कमलानंद गिरी ने दुख निवारण श्री बाला जी धाम के 12वें वार्षिक उत्सव के उपलक्ष्य में चल रही श्री राम कथा के पांचवें दिन कहे। इस दौरान मुख्य यजमान के रूप में शामिल डॉ. रोशन लाल ठक्कर, डॉ. कपिल ठक्कर, संजीव वर्मा, विजय वर्मा, सरोज रानी वर्मा, बंटी पटवारी, किरण चोपड़ा के परिवार द्वारा पूजन करवाया गया।
कथा करते स्वामी कमलानंद गिरि महाराज ने कहा कि पुरुषार्थ, आत्म चिंतन और बड़ों का आदर मान यह तीन बातें जीवन में अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इंसाफ जुल्म को खा जाता है, दान दरिद्रता को खा जाता है, क्रोध बुद्धि को खा जाता है, घमंड ज्ञान को खा जाता है, चिता आयु को खा जाती है, भलाई बुराई को खा जाती है, रिश्वत ईमान को खा जाती है और पश्चाताप पाप को धो देता है। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास हो तो कठिन से कठिन कार्य भी सरल हो जाता है। जिसके मन में दूसरों के प्रति उपकार की भावना जिस क्षण होती है उसी क्षण उसकी समूह विपत्तियां नष्ट हो जाती है। बड़ों का मान इज्जत और प्रणाम करने वाले व्यक्ति की आयु, विद्या, यश, और बल यह चारों पदार्थ बढ़ते हैं। जो व्यक्ति दूसरों के अवगुणों का ढिंडोरा पीटता फिरता है, वह समाज में विश्वासपात्र नहीं रह जाता।
इस मौके पर मंदिर के महामंत्री नरेश जुनेजा ने बताया कि पांचवें दिन की आरती मुख्य यजमानों द्वारा करवाई गई व भोग लगाया गया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को संचालन करने में नंद लाल सिगला, महावीर प्रसाद मोदी, अश्वनी बांसल, नरेश अरोड़ा, ओमप्रकाश दावड़ा, रेशम लाल असीजा, एसडीएम जय लाल, किरण चोपड़ा, लवली मेहरा, अन्नू, विजय आर्य द्वारा विशेष सहयोग दिया जा रहा है। यह कथा 13 फरवरी 2020 तक चलेगी।