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बैठक में लेट आने पर दी श्रमदान की सजा

नगर निगम कमीश्नर ने बैठक में लेट आने पर कर्मचारियों को श्रमदान की सजा के आदेश दिए हैं जिसके तहत नगर निगम के दर्जा एक दो व तीन के कर्मचारियों ने बुधवार सुबह सात से नौ बजे तक श्रमदान किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 10:20 PM (IST)
बैठक में लेट आने पर दी श्रमदान की सजा
बैठक में लेट आने पर दी श्रमदान की सजा

संवाद सहयोगी, अबोहर : नगर निगम कमीश्नर ने बैठक में लेट आने पर कर्मचारियों को श्रमदान की सजा के आदेश दिए हैं, जिसके तहत नगर निगम के दर्जा एक, दो व तीन के कर्मचारियों ने बुधवार सुबह सात से नौ बजे तक श्रमदान किया। कर्मचारियों ने झाड़ू लेकर पार्क में सफाई की। कर्मचारियों ने बताया कि वह स्वैच्छा से सफाई अभियान चला रहे हैं। दूसरे संगठनों को देखते हुए सभी कर्मचारियों ने फैसला लिया कि वह तीन दिन शहर के अलग- अलग हिस्सों में सफाई कार्य करेंगे।

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वहीं सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि 27 जुलाई को नगर निगम कमीश्नर ने टाउन हाल में कर्मचारियों दर्जा एक, दो व तीन की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में समय से पहुंचने की बजाए कर्मचारी अपने कामों में व्यस्त रहे, जिसके चलते उन्हें स्पेशल काल करके बुलाना पड़ा। नगर निगम कमीश्नर ने इसे अनुशासनहीनता बताया व बैठक में लेट होने वाले सभी कर्मियों को 28 से लेकर 30 जुलाई तक सुबह सात बजे से दो घंटे तक श्रमदान करने के आदेश दिए। जबकि नेहरू पार्क में सफाई कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से सफाई अभियान चलाया जा रहा है, जिसके चलते उन्होंने भी स्वैच्छा से फैसला किया कि वे भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे। इसीलिये उन्होंने पहले दिन नेहरू पार्क में सफाई अभियान चलाया है।

सरकारी नियमों की पालना कर बच्चे आएं स्कूल: छाबड़ा संवाद सूत्र, फाजिल्का : राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थी वर्ग को कुछ राहत प्रदान करते हुए स्कूलों को दसवीं से बारहवीं कक्षा तक खोलने की अनुमति प्रदान की है, जिसके तहत आलमशाह रोड पर स्थित शिवालिक पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कोविड-19 के नियमों की पालना करते हुए दसवीं से बारहवीं कक्षाओं को शुरू कर दिया गया है।

प्रिसिपल सुनीता छाबड़ा ने कहा कि जो बच्चे अभी भी कोरोना महामारी के भय के कारण स्कूल नहीं आ रहे, वह सरकारी नियमों की पालना करते हुए स्कूल में आकर अपनी शिक्षा को जारी करें ताकि घरों में बैठकर आनलाइन पढ़ाई करते समय किसी भी विषय पर जो मुश्किलें उन्हें आई है, उन्हें अध्यापकों के साथ सांझा कर दूर किया जा सकें।


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