फाजिल्का में कौंसिल प्रधानगी की रेस में वरिष्ठ, युवा व महिलाएं
नगर कौंसिल चुनाव संपन्न होने के बाद अब पेंच नगर कौंसिल की प्रधानगी की कुर्सी को लेकर फंस चुका है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नगर कौंसिल में प्रधानगी का पद जनरल पुरुष के लिए होगा या फिर महिला आरक्षित होगा।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : नगर कौंसिल चुनाव संपन्न होने के बाद अब पेंच नगर कौंसिल की प्रधानगी की कुर्सी को लेकर फंस चुका है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नगर कौंसिल में प्रधानगी का पद जनरल पुरुष के लिए होगा या फिर महिला आरक्षित होगा।
फाजिल्का नगर कौंसिल में कांग्रेस ने 25 में से कुल 19 सीटें जीती हैं, जबकि इन विजेता पार्षदों में कई वरिष्ठ हैं, तो कई युवा हैं, जिसके चलते यही चर्चा है कि प्रधानगी का ताज वरिष्ठ व पार्टी के साथ लंबे समय तक जुड़े नेता के सिर पर ही सजेगा। बात अगर वरिष्ठ नेताओं की करें तो सुरिद्र कालड़ा पप्पू, सुरिद्र सचदेवा का नाम सामने आ रहा है, जबकि युवा नेता में गोल्डी सचदेवा व गोल्डी झांब भी रेस में हैं। सुरिद्र कालड़ा काफी लंबे समय से पार्टी की सेवा में जुटे हुए हैं और कई पदों पर रहकर पार्टी को एकजुट करने में अहम रोल अदा कर चुके हैं और मौजूदा समय में भी ब्लाक कांग्रेस प्रधान का पद संभाले हुए हैं। वहीं सुरिद्र सचदेवा भी काफी समय से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं और इस चुनाव में सबसे ज्यादा अंतर से वोट हासिल करने वाले विजेता बने हैं। लेकिन अगर नगर कौंसिल में प्रधानगी पद महिला के लिए आरक्षित होगा तो जसप्रीत कौर दुरेजा, वनिता गांधी, सुखविद्र कौर, डा. निशु के नामों की चर्चा चल रही है। लेकिन आखिरी फैसला हाईकमान का होगा कि वह नए चेहरे को मौका देती है या फिर पुराने चेहरे को उनकी सेवा का फल मिले। फिलहाल तो प्रधानगी पद का नाम समय की गर्भ में है। साथ ही अगर प्रधानगी रिजर्व हुई तो इनके अलावा किसी भी अन्य पार्षद की लाटर भी खुल सकती है।
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प्रधानगी को लेकर फैसला हाईकमान का
भले ही अब चुनाव संपन्न हो गए हैं और विजेता उम्मीदवारों की तस्वीर भी साफ हो गई है। लेकिन अब सही मायने में कांग्रेस हाईकमान की सिरदर्दी बढ़ने वाली है। फाजिल्का में हुए नगर कौंसिल चुनाव में 10 पुरुष उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है और 9 महिला उम्मीदवार ने। फाजिल्का के विधायक दविद्र सिंह घुबाया का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि फाजिल्का कौंसिल में किसे प्रधान बनाया जाना है। यह कांग्रेस हाईकमान का फैसला है।