अनाज मंडी में टूटी सड़कें करेंगी किसानों का स्वागत
फाजिल्का में मंडियों की सड़कों की बदहाल स्थिति बनी है।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का: अगस्त माह में फाजिल्का की अनाज मंडी में टूटे शैड, टूटी सड़कें व सीवरेज पाइपलाइन डालने के लिए टेंडर पास हुआ और कार्य शुरू हो गया। तब यह दावा किया गया था कि एक माह के भीतर यानि सीजन की शुरूआत से पहले पहले कार्यो को मुकम्मल कर लिया जाएगा, लेकिन मौजूदा हालात यह हैं कि इस बार भी टूटी सड़कें ही किसानों का स्वागत करेंगी। अभी तक सड़कों को बनाने का कार्य तो दूर की बात सीवरेज का काम भी पूरा नहीं हो सका है और किसानों ने मंडियों में धान लानी शुरू कर दी है।
बता दें कि पिछले कई सालों से मंडी की सड़कें टूटी और मंडी के कई शैड टूटी होने के कारण किसानों व आढ़तियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जहां बारिश के दिनों में टूटी सड़कें तालाब का रूप धारण कर लेती थी, तो वहीं टूटे शैडों के नीचे पड़ा धान भी बारिश में भीग जाता था। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए फाजिल्का की अनाज मंडी में नए शैड लगाने, टूटी सड़कों को बनाने के अलावा सीवरेज व्यवस्था करने का टेंडर पास हुआ। जिसका कार्य अगस्त माह में शुरू कर दिया गया। कुछ दिनों बाद कार्यो का निरीक्षण करने पहुंचे फाजिल्का के विधायक दविद्र सिंह घुबाया ने दावा कि छह करोड़ रूपये की लागत से अनाज मंडी की नुहार बदल दी जाएगी। यह कार्य 15 सितंबर तक पूरे कर लिए जाएंगे। लेकिन तीन अक्टूबर को धान की सरकारी खरीद शुरू होने के बावजूद यह कार्य पूरे नहीं हुए। मंडी में केवल लाइटों व टूटे शैडों को सही करने का कार्य ही मुकम्मल हुआ है। जबकि सीवरेज व्यवस्था के लिए पाइपलाइन डालने का कार्य अभी चल रहा है। इसके अलावा सड़कों को बनाना तो दूर सड़कों को उखाड़ने का कार्य भी अभी तक शुरू नहीं हुआ। जिसके चलते इस सीजन भी किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
जरूरी कार्य पहले निपटाए जा रहे: सेक्रेटरी
इस संबंधी जब मार्केट कमेटी के सैक्ट्री जगरूप सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि अनाज मंडी में चल रहे कार्य अभी शेष हैं। मंडी में जहां जहां शैड टूटे हुए थे, वहां नए डाल दिए गए हैं, जबकि लाइट और सीवरेज व्यवस्था का कार्य अभी चल रहा है। उन्होंने यह भी माना की कार्यो की गति ढीली चल रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही जरूरी कार्यो को निपटा लिया जाएगा।
मंडी में अब तक पहुंची 6600 क्विटल धान
सेक्रेटरी जगरूप सिंह ने बताया कि मंडी में अभी 6600 क्विटल धान पहुंची है। जिसे खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही क्षेत्र में बारिश हुई है, इसलिए धान में अभी नमी होगी। उन्होंने किसानों को धान को अच्छी तरह से सुखा कर ही मंडियों में लाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अधिक नमी वाली धान की मंडियों में खरीद नहीं हो पाती, जिस कारण मंडी में तनाव की स्थिति कई बार बन जाती है। इसलिए किसान सूखा धान ही मंडियों में लाए।