धर्म वह जो हमारे भीतर अच्छे गुणों का विकास करे : अमनदीप कौर
विजडम कान्वेंट स्कूल ने कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद होने के कारण आनलाइन कार्यक्रम करवाया।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : विजडम कान्वेंट स्कूल ने कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद होने के चलते महावीर जयंती जूम एप के माध्यम से आनलाइन मनाई गई। इस मौके पर हिदी विभाग की प्रमुख शिक्षिका अमनदीप कौर ने बच्चों को महावीर जयंती से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस दिन को भगवान महावीर के जन्म उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। इनका जन्म बिहार के कुंडग्राम के राज परिवार में हुआ था। इनके बचपन का नाम वर्धमान था। इनकी माता का नाम महारानी त्रिशला व पिता का नाम महाराज सिद्धार्थ था। महावीर को जैन-धर्म के 24वें तीर्थकर के रूप में माना जाता है। ये उन 24 लोगों में से हैं जिन्होंने तपस्या से आत्मज्ञान की तलाश में 30 वर्ष की उम्र में ही अपना सारा राज-पाट और घर-बार छोड़ दिया था। उन्होंने 12 वर्ष तक कठोर तपस्या की और दीक्षा ग्रहण की। भगवान महावीर ने अपने प्रवचनों में धर्म, सत्य, क्षमा, त्याग और संयम, प्रेम और करुणा, शील और सदाचार पर जोर दिया है। उन्होंने बताया कि महावीर जयंती मनाने के कई ढंग हैं। इस दिन देशभर के जैन मंदिरों में पूजा की जाती है। साथ ही शोभायात्राएं भी निकाली जाती हैं। उन्होंने कहा कि हमें भी अपने जीवन में महावीर जैन द्वारा दी गई शिक्षाओं का पालन करने का प्रयास करना चाहिए और स्वयं में अच्छे गुणों का विकास करना चाहिए। इस मौके पर स्कूल के अकादमिक हेड मोहित अनेजा ने कहा कि धर्म कोई भी हो वह हमें कट्टरता नहीं सिखाता, बल्कि धर्म हमें अच्छे कर्म और अच्छी शिक्षाएं देता है। महावीर जैन द्वारा दी गई शिक्षाएं सत्य, अहिसा, क्षमा आदि हमें अपने जीवन में लागू करनी चाहिए, ताकि हम अपने जीवन का उचित मार्गदर्शन कर सकें।