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फर्जी फर्मे बना टैक्स चोरी करने के मामले में नामजद रजनीश गर्ग दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार

अबोहर नौजवानों को गुमराह कर फर्जी फर्में बनाने और टैक्स चोरी करने के मामले में नामजद रजनीश गर्ग दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 07:07 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 07:07 PM (IST)
फर्जी फर्मे बना टैक्स चोरी करने के मामले में नामजद रजनीश गर्ग दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार
फर्जी फर्मे बना टैक्स चोरी करने के मामले में नामजद रजनीश गर्ग दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार

प्रवीण कथूरिया, अबोहर

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युवाओं को गुमराह कर अपने साथ दिल्ली ले जाने और वहां उनके नाम से फर्जी फर्मे बनाकर धोखाधड़ी करने के अनेक मामलों में नामजद अबोहर मूल के व वर्तमान में दिल्ली निवासी रजनीश गर्ग को दिल्ली पुलिस ने मंगलवार सुबह इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया। आरोपित एक प्रसिद्ध भजन गायक के साथ भूटान जा रहा था। एयरपोर्ट पुलिस ने थाना सिटी अबोहर को इसकी सूचना दे दी है और यहां की पुलिस उसे लाने के लिए दिल्ली जाने की तैयारी में थी। जानकारी के अनुसार रजनीश गर्ग हवाला कारोबार में भी संलिप्त रहा है।

रजनीश गर्ग पुत्र महेंद्र कुमार वासी 2263-68 फ‌र्स्ट फ्लोर गली रघुनंदन नवां बाजार दिल्ली व उसके भाई विष्णु कुमार गुप्ता पुत्र महेंद्र कुमार वासी गोशाला रोड अबोहर के खिलाफ नगर थाना अबोहर में धोखाधड़ी के अनेक मामले दर्ज हैं। एक मामले में पुलिस को दी शिकायत में गली नंबर 8, माडल टाउन अबोहर निवासी अमित मुंजाल ने बताया था कि रजनीश गर्ग व उसका भाई विष्णु कुमार जो यहां एलआइसी का एजेंट भी है, नौजवानों को गुमराह कर अपने साथ दिल्ली ले जाते हैं और वहां पर उनका बैंक अकाउंट खुलवाकर चेक बुक अपने पास रख लेते थे। फर्जी कंपनी के दस्तावेज तैयार कर उनके खाते में लेनदेन करते और बदले में ये उन नौजवानों को दस-दस हजार रुपये महीना खर्चे के लिए देते।

अमित मुंजाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि ऐसा ही उसके साथ भी किया गया और उसके नाम पर दिल्ली में पंजाब नेशनल बैंक में खाता खुलवा कर चेक बुक जारी करवा ली और खाली चेकों पर उसके हस्ताक्षर करवा कर उसके खाते में से अलग-अलग फर्मो के माध्यम से करोड़ों का लेनदेन किया।

इसके अलावा नगर थाना पुलिस ने गत वर्ष 19 जून को दीपक कुमार के बयान पर रजनीश गर्ग और अबोहर निवासी उसके सगे भाई विष्णु गर्ग के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था। पीड़ित युवक ने पुलिस को बताया था कि रजनीश गर्ग ने अबोहर निवासी अपने भाई विष्णु संग मिलकर उसे नौकरी लगवाने का झासा देकर विश्वास में लेते हुए उसका दिल्ली के सदर बाजार स्थित पंजाब नेशनल बैंक मे 10 हजार रुपये जमा करवाकर खाता खुलवा दिया। एक चेक बुक जारी करवाई और खाली चेकों पर हस्ताक्षर करवाकर चेक बुक अपने पास रखकर उसे वापस अबोहर भेज दिया। इसके बाद उन्होंने उसके खाते से करोड़ों रुपये का लेनदेन करके निवेश किया और उसका इनकम टैक्स अदा नहीं किया। उसके बाद इनकम टैक्स विभाग ने उसके नाम पर 2 करोड़ 40 लाख का नोटिस जारी किया कि उसके खाते से लेनदेन हुआ है, उस पैसे का हिसाब-किताब देकर उसका रिटर्न भरें। दीपक के अनुसार इसका पता लगने पर उसके पिता को गहरा सदमा लगा, जिससे उनकी मौत हो गई।

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अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है

दोनों आरोपितों ने फाजिल्का कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई थी, जो अदालत से खारिज हो गई थी। फिर दोनों भाइयों ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। अदालत ने दोनों की गिरफ्तारी पर स्टे लगाते हुए तफ्तीश में शामिल होने के आदेश जारी किए। दोनों भाई जांच में शामिल हुए। बाद में पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया। तब से पुलिस दोनों आरोपितों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी।

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दो नंबर का धन आया, तो समाजसेवी की छवि बना ली थी

रजनीश गर्ग के पास जब इस तरह दो नंबर का धन आया, तो उसने अबोहर में समाजसेवी के रूप में अपनी छवि बना ली थी। रामलीला व अन्य धार्मिक आयोजनों पर उसे चीफ गेस्ट की हैसियत से बुलाया जाता और वह लाखों रुपयों का डोनेशन आयोजकों को दे जाते थे। मगर, जब असलियत सामने आई कि सारा धन अवैध तरीके से कमाया गया है और टैक्स की मोटी चोरी की गई है, तो सारी छवि धूमिल हो गई।

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विष्णु अभी फरार

इस अवैध धंधे में साथ देने वाला और नौकरी के नाम पर युवकों को फांसने वाला उसका एलआइसी एजेंट भाई विष्णु अभी फरार है। बड़े भाई की गिरफ्तारी के बाद अब विष्णु द्वारा भी आत्मसमर्पण करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

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