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फाटक बंद करने के विरोध में रेल ट्रैक रोका

गांव केराखेड़ा से बल्लुआना के रास्ते पर बने फाटक को रेलवे विभाग की ओर से बंद किए जाने के आदेश जारी करने के विरोध में मंगलवार को एक बार फिर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और दोपहर एक बजे से शाम छह बजे रेल ट्रैक पर धरना दिया

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 10:31 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 10:31 PM (IST)
फाटक बंद करने के विरोध में रेल ट्रैक रोका
फाटक बंद करने के विरोध में रेल ट्रैक रोका

संवाद सहयोगी, अबोहर : गांव केराखेड़ा से बल्लुआना के रास्ते पर बने फाटक को रेलवे विभाग की ओर से बंद किए जाने के आदेश जारी करने के विरोध में मंगलवार को एक बार फिर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और दोपहर एक बजे से शाम छह बजे रेल ट्रैक पर धरना दिया, जिस कारण रेलवे यातायात बाधित रहा व यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

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धरने पर बैठे दलजीत सिंह, सज्जन कुमार, रिकू, गौरव कुमार, जयपाल, मनीष कुमार, सुमित कुमार समेत महिलाओं ने बताया कि करीब तीन सप्ताह पहले दिए गए धरने के बाद एसडीएम ने उन्हें आश्वासन दिया था कि यह फाटक चालू रहेगा, लेकिन एसडीएम के तबादले के बाद फिर से विभाग की ओर से फाटक को तार टूटी का बहाना लगाकर तीन चार दिन से बंद कर रखा गया, जिस कारण उन्हें व स्कूली बच्चों को आने जाने में परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि उनके गांवों को दूसरा रास्ता तो जाता है लेकिन वह काफी दूर व सुनसान एरिया में पड़ता है। उन्होंने कहा कि गांव केरा खेड़ा ही नहीं बल्लुआना, रायपुरा, ढाका कोकरिया, ढाणी सुच्चा सिंह, बहावलबासी जैसे गांवों के लोग इस रास्ते से गुजरते हैं और स्कूली बच्चे पढ़ने के लिए केराखेड़ा व बल्लुआना में आते-जाते हैं। इस रेलवे फाटक से गुजरने वाली सड़क जीटी रोड बल्लूआना से कई गांवों को सीतो हाईवे से जोड़ती है। उनके गांव केराखेड़ा के किसानों की जमीन रेलवे फाटक के दूसरी ओर बल्लूआना में है, जबकि उनके गांव व अन्य गांवों के बच्चों को उक्त रेलवे फाटक पार कर बल्लूआना जाना पडता है। इतना ही नहीं गांवों के बच्चों को मेडीकल व नान मेडीकल की पढाई के लिए भी बल्लूआना जाना पडता है। बल्लूआना में ही सेवा केंद्र, सरकारी अस्पताल, बना है, जहां लोगो को जाने के लिए इस फाटक से गुजरना पड़ता है। फाटक बंद होने से अनेक गांवों का बल्लूआना से संपर्क टूट जाएगा। उधर, शाम तक ग्रामीणों का धरना रेलवे ट्रैक पर जारी था व कई प्रशासनिक व रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे व उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी बात पर अड़े हुए थे। देर शाम प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को शुक्रवार को डीआरएम के साथ बैठक का आश्वासन दिया, जिसके बाद रेल ट्रैक से धरना हटाया गया। विधायक कर चुके हैं डीआरएम से बात

धरनाकारियों ने बताया कि उन्होंने इस संबंधी फाइल बल्लुआना के विधायक अमनदीप सिंह गोल्डी मुसाफिर को दी थी, जिन्होंने डीआरएम रेलवे से मिलकर यह मामला उनके सामने रखा था, लेकिन इसके बावजूद रेलवे ने तार टूटने का बहाना बनाकर रेलवे फाटक को बंद कर रखा है। गाड़ियां हुई प्रभावित, यात्री परेशान

रेल ट्रैक पर धरने के कारण दोपहर तक गाड़ियों का आवागमन होता रहा, लेकिन बाद दोपहर करीब एक बजे धरनाकारियों ने रेलवे ट्रैक को रोक लिया व भीषण धूप व गर्मी में रेलवे ट्रैक पर डटे रहे, जिस कारण फाजिल्का से बठिडा वाया अबोहर जाने वाली गाड़ी अबोहर रेलवे स्टेशन पर ही रोकनी पड़ी व ट्रेन को रद कर दिया गया, जिस कारण यात्री यहां से बसों पर रवाना हुए।


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