लोग बोले, समस्याओं का समाधान व विकास कार्य करवाने वाला बने पार्षद
नगर निगम चुनाव को लेकर जितनी सरगर्मियां राजनीतिक पार्टियों में हैं उतनी ही सक्रियता आम लोग दिखा रहे हैं। इस बार लोग चाहते हैं कि वार्ड का पार्षद वह व्यक्ति बने जो वार्ड के विकास की बात करने के साथ लोगों के काम भी करवाए।
संवाद सहयोगी, अबोहर: नगर निगम चुनाव को लेकर जितनी सरगर्मियां राजनीतिक पार्टियों में हैं, उतनी ही सक्रियता आम लोग दिखा रहे हैं। इस बार लोग चाहते हैं कि वार्ड का पार्षद वह व्यक्ति बने, जो वार्ड के विकास की बात करने के साथ लोगों के काम भी करवाए।
समाजसेवी अशोक गर्ग का कहना है कि वोटरों को अपनी वोट की ताकत समझनी चाहिए व वोट का इस्तेमाल सोच समझकर करना चाहिए। वोट उस उम्मीदवार को दें जो वार्ड में काम करवाने की क्षमता रखता हो। अशोक ने कहा कि अगर उनके वार्ड में कोई उम्मीदवार नशा या पैसा बांटता है तो इसकी सूचना प्रशासन को दी जानी चाहिए।
जीतने के बाद भूल जाते वादे
ग्रहणी नीरु धवन का कहना है कि चुनाव के समय पार्षद प्रत्याशी तमाम दावे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सब दावने भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या ग्रहणियों को वाटर वर्क्स के पानी की रहती है। पानी आने का कोई समय ही नहीं है। अगर मूलभूत सुविधाएं ही इतने सालों बाद नहीं मिल पाती तो फिर पार्षदों का क्या काम।
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पार्षद पति की सोच हो खत्म
समाजसेवी जसविदर कौर का कहना है कि कहने और देखने को महिलाओं के लिए सीट रिजर्व होती है, परंतु कुछ कुछ महिलाओं को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश महिला निर्वाचित पार्षद के पति ही काम करते हैं। ऐसे में जरूरत है कि वह महिलाएं ही चुनाव लड़े जो कि पार्षद के रूप में काम करना चाहती हैं न कि उनके पति उनके काम करे। शपथ पत्र जारी करें प्रत्याशी
समाजसेवी गगन चुघ का कहना है कि वह पिछले कई चुनाव से देख रहे हैं कि लोग चुनाव जीतने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं और चुनाव जीतने के बाद वह सबकुछ भूल जाते हैं, जो चुनाव जीतने के लिए लोगों से वादे किए होते हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों को चाहिए कि वह अपने प्रत्याशियों का शपथपत्र जारी करे कि उनके प्रत्याशी वार्ड के विकास के लिए काम करेंगे।