राष्ट्रभाषा के सम्मान से होगा राष्ट्र का उत्थान : गोयल
साहित्य सदन में हिदी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, अबोहर : साहित्य सदन में हिदी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर गोशाला समिति के प्रधान फकीर चंद गोयल ने कहा कि हिदी को राष्ट्रभाषा के रूप में विकसित करने से ही राष्ट्र का उत्थान होगा।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पूर्व भी हिदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ था लेकिन कुछ समुदाय के विरोध के कारण वह सिरे नहीं चढ पाया। आजादी के 73 वर्ष बाद भी हिदी को राष्ट्रभाषा के रूप में देश के प्रत्येक कोने तक पहुंचाने का लक्ष्य अधूरा पड़ा है। समृद्ध साहित्य व कोष के बावजूद जो सम्मान दिया जाना चाहिए था, वह संभव नहीं हुआ। हम सभी को छिटपुट विचार भिन्नता से उपर उठकर इस दिशा में सामूहिक प्रयास करने चाहिए।
डीएवी कॉलेज के पूर्व उप प्राचार्य प्रो. अनिल मक्कड ने कहा कि शताब्दी महोत्सव आयोजित करने की तैयारी कर रहे साहित्य सदन में पुस्तकालय के नवीनीकरण की दिशा में जो अभूतपूर्व कदम उठाए जा रहे हैं, उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। पूरे प्रदेश में यही एक स्थान है जहां सैकड़ों वर्ष पुरानी हिदी पुस्तकें उपलब्ध हैं। सदन की ओर से प्रभारी डॉ. संदीप वाटस, फकीर चंद गोयल, प्रो. बीएस चौधरी व प्रो. अनिल मक्कड़ ने इस अवसर पर लेखक परिषद प्रधान राज सदोष को उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिये सम्मानित किया।