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कॉपी..बकाया राशि की वसूली के लिए नगर निगम ने कॉलोनाइजर पर कसा शिकंजा

श्रीगंगानगर रोड पर बीते 10 वर्षो से विकसित की जा रही एक कॉलोनी

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 05:18 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 05:18 PM (IST)
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कॉपी..बकाया राशि की वसूली के लिए नगर निगम ने कॉलोनाइजर पर कसा शिकंजा

जागरण संवाददाता, अबोहर : श्रीगंगानगर रोड पर बीते 10 वर्षो से विकसित की जा रही एक कॉलोनी में शॉपिग मॉल के निर्माण पर बकाया विकास शुल्क वसूल करने के लिए नगर निगम ने कठोर कदम उठाए हैं। नगर निगम के कमिश्नर व एडीसी अभिजीत कपलिश ने कॉलोनाईजर द्वारा बनवाए जा रहे शॉपिग मॉल की दुकानों की बिक्री के संबंध में तहसीलदार को निर्देश जारी किया है कि जब तक नगर निगम द्वारा एनओसी जारी नहीं किया जाती, तब तक किसी भी दुकान की रजिस्टरी न की जाए।

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कमिश्नर ने पंजाब वाटर सप्लाई व सीवरेज बोर्ड के कार्यकारी इंजीनियर को भी निर्देश जारी किया है कि निर्माणाधीन शॉपिग मॉल के लिए कनेक्शन तब तक जारी न किए जाएं, जब तक कि नगर निगम को बकाया विकास शुल्क अदा नहीं किया जाता।

नगर निगम द्वारा भेजे गए पत्रों में कहा गया है कि कॉलोनी के निर्माण का प्रस्ताव 10 अक्तूबर 2011 को मंजूर किया गया था। कुल क्षेत्र 366 कनाल 9 मरले का विकास शुल्क पांच प्रतिशत छूट लेते हुए 91 लाख 61 हजार रुपये जून 2011 तक अदा किया गया। लेकिन उसके बाद सेवानिवृत नगर पालिका कर्मचारी यूनियन ने 19 जनवरी 2018 को शिकायत भेजी कि कॉलोनाइजर ने नगर निगम को जो नक्शा दिया, उसमें कुल रकबा 19.95 लाख वर्ग फुट दिखाया गया था। जिसमें 9950 वर्ग फुट व्यवसायिक रकबा दिखाया गया, लेकिन नगर निगम को सारे रकबे की घरेलू कॉलोनी के हिसाब से विकास शुल्क अदा किया गया। जबकि व्यवसायिक रकबे के लिए सरकार द्वारा 17 फरवरी 2011 को जारी अध्यादेश के अनुसार 30 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से विकास शुल्क वसूल दिया जाना चाहिए था। इस प्रकार कॉलोनाइजर से 63 लाख 98 हजार रुपये की कम राशि वसूल की गई।

निगम ने कॉलोनाइजर को 24 सितंबर 2018, 16 अप्रैल 2019 व 25 अक्तूबर 2019 को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस जारी किए, लेकिन यह राशि जमा नहीं करवाई गई और कॉलोनाइजर ने वहां पर शॉपिग कांप्लेक्स का निर्माण शुरू कर रखा है। इसलिए उसके ख्रिलाफ तहसीलदार और पंजाब वाटर सप्लाई व सीवरेज बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखते हुए व्यवसायिक बूथों की बिक्री और पानी व सीवरेज कनेक्शन देने पर रोक लगा दी गई है।


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