ऑनलाइन स्टडी से बढ़ी मोबाइल की डिमांड
मार्च महीने के आखिरी सप्ताह से सरकारी व प्राइवेट स्कूल कोरोना के कारण बंद हो गए जिसके चलते करीब दो महीने बाद भी स्कूल खुलते न देखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई का काम शुरू कर दिया गया। आनलाइन पढ़ाई के लिए बच्चों को या तो मोबाइल की जरूरत थी या फिर लैपटाप की।
राज नरूला, अबोहर : मार्च महीने के आखिरी सप्ताह से सरकारी व प्राइवेट स्कूल कोरोना के कारण बंद हो गए जिसके चलते करीब दो महीने बाद भी स्कूल खुलते न देखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई का काम शुरू कर दिया गया। आनलाइन पढ़ाई के लिए बच्चों को या तो मोबाइल की जरूरत थी या फिर लैपटाप की। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान जहां अन्य कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ, वहीं मोबाइल की बिक्री में काफी इजाफा दर्ज किया गया।
नई सड़क स्थित रायल मोबाइल के संचालक रोहित वाट्स ने बताया कि लॉकडाउन के कारण एक तो ऑनलाइन डिलीवरी नहीं हो पाई तो दूसरा ऑनलाइन पढ़ाई के कारण मोबाइल की डिमांड बढ़ गई। इस दौरान जहां मोबाइल के दामों में दस फीसदी तक की बढ़ोतरी हो गई और मोबाइल की बिक्री पहले से दुगनी हो गई। रोहित ने बताया कि पहले जहां महीने में दस मोबाइल बिकते थे वहीं पिछले कुछ महीनों में इसकी बिक्री बीस तक पहुंच गई। उन्होंने बताया कि बेशक अभिभावकों की जेब मोबाइल खरीदने की इजाजत नहीं देती थी तो ऐसे में पढ़ाई के लिए मोबाइल खरीदना उनकी मजबूरी बन गया। सेकेंड हेंड मोबाइल व लैपटॉप की भी बढ़ी डिमांड
सेतिया मोबाइल के संचालक ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में सेकेंड हैंड मोबाइल की डिमांड भी काफी बढ़ गई। उन्होंने बताया कि अगर कोई अभिभावक नया मोबाइल खरीदने में असमर्थ था तो उसने पुराना मोबाइल खरीदकर ही काम चला लिया। सर्कुलर रोड लैपटाप विक्रेता विशु का कहना है कि लॉकडाउन खुलने के बाद लैपटाप की डिमांड भी बढ़ी है। हालांकि यह सभी की रेंज में नहीं है जिस कारण लोगों ने सेकेंड हैंड लैपटॉप खरीदने को तरजीह दी।
रिचार्ज का भी बढ़ा खर्च
मोबाइल रीचार्ज करने वाले नई आबादी गली नंबर 10 निवासी अनमोल छाबड़ा ने बताया कि मोबाइल रिचार्ज का काम भी पहले से बढ़ा है। काफी संख्या में लोग बच्चों की पढ़ाई के लिए इंटरनेट पैक का रिचार्ज करवाते हैं।
अध्यापक दे रहे बच्चों को सहयोग
सरकारी स्कूल की अध्यापिका बलविदर कौर का कहना है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सौ फीसदी बच्चों के पास तो मोबाइल उपलब्ध नहीं है लेकिन फिर भी काफी लोगों ने किसी न किसी तरह बच्चों की पढ़ाई के लिए इसका प्रबंध कर लिया है, हालांकि कई अभिभावकों के लिए इंटरनेट पैक रीचार्ज करवाना भी मुश्किल हो रहा है व इसके लिए अध्यापक भी बच्चों का सहयोग कर रहे हैं।