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सहकारी स्पिनिंग मिल की जमीन में अवैध कॉलोनी पर चली डिच, 32 परिवार बेघर

फाजिल्का रोड पर अबोहर को-ऑपरेटिव स्पिनिंग मिल वाली जगह पर बनी पुडा कॉलोनी के क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे कई परिवारों को हाईकोर्ट के आदेश पर हटाया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 12:06 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 06:13 AM (IST)
सहकारी स्पिनिंग मिल की जमीन में अवैध कॉलोनी पर चली डिच, 32 परिवार बेघर
सहकारी स्पिनिंग मिल की जमीन में अवैध कॉलोनी पर चली डिच, 32 परिवार बेघर

जागरण संवाददाता, अबोहर : फाजिल्का रोड पर अबोहर को-ऑपरेटिव स्पिनिंग मिल वाली जगह पर बनी पुडा कॉलोनी के क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे कई परिवारों को हाईकोर्ट के आदेश पर हटाया गया। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में जेसीबी से क्वार्टरों को खाली करवाकर तोड़ा गया। करीब 15 वर्ष पहले बंद हो चुकी स्पिनिग मिल वाली जगह पुडा (पंजाब अर्बन डेवल्पमेंट अथॉरिटी) ने खरीदकर यहां पर कॉलोनी बनाने का काम शुरू किया। तब से ही कॉलोनी में रहने वाली लेबर के परिवार यहां पर बने 32 क्वार्टरों में रह रहे थे, जिन्हें पुडा ने क्वार्टर खाली करने के बारे में कई बार नोटिस भी निकाले। कुछ माह पहले हाईकोर्ट ने भी इन लोगों को कॉलोनी की जगह में बने क्वार्टरों को खाली करने के आदेश भी दिए थे। बावजूद इसके क्र्वाटर खाली नहीं हो सके, जिस पर कोर्ट का सहारा लिया गया और हाईकोर्ट ने क्वार्टरों को खाली करने के लिए एक माह का समय दिया था। समयावधि पूरी होने पर जेसीबी की मदद से अधिकारियों ने क्वार्टरों को खाली करवाकर तुड़वाया।

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निकाले गए परिवारों के आधारकार्ड, राशनकार्ड व अन्य दस्तावेज यहीं के पते पर बने हुए हैं

यहां के निवासी गोपाल, विजय कुमार, उमाकांत ने बताया कि उन्होंने स्पिनिग मिल में करीब 35 साल काम किया। उनके परिवारों के आधारकार्ड, राशनकार्ड व अन्य दस्तावेज यहीं के पते पर बने हुए हैं। उन्होंने इस बारे में स्थानीय अदालत, जिला अदालत व हाईकोर्ट का भी सहारा लिया था, लेकिन उन्हें निराशा ही मिली। अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में केस लगा रखा है। कोर्ट ने उन्हें 18 नवंबर को सुनवाई का समय दिया है। शुक्रवार को जब पुडा के अधिकारी प्रशासनिक व पुलिस अफसरों के साथ क्वार्टर तुड़वाने पहुंचे तो उन्हें यह कोर्ट की कॉपी दिखाते हुए 18 नवंबर तक का समय देने की मांग की, लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी, जबरन उन्हें बाहर निकालकर क्वार्टरों को ढहा दिया।

पीड़ित परिवारों ने बताया कि जब यहां स्पिनिग मिल चलती थी तो करीब 1400 कर्मचारी काम करते थे, लेकिन मिल बंद होने के बाद से यहां करीब 32 परिवारों के 150 लोग रह रहे थे, जो आज बेघर हो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुडा अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी, लेकिन आज उनकी सुनवाई तक भी नहीं हो रही। अपने घरों को टूटते देख पारिवारिक सदस्यों ने आरोप लगाया कि एक ओर तो मोदी सरकार गरीब व जरूरतमंदों को मकान बनाकर दे रही है, वहीं सरकारी संस्था पुडा उन्हें बेघर कर रही है। इसके बदले में उन्हें कुछ सहायता भी नहीं दी जा रही। इस मौके पर एसडीएम पूनम सिंह, तहसीलदार जसपाल बराड व अन्य पुलिस व पुडा के अधिकारी मौजूद थे।


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