कॉपी---जाखड़ ने रेलवे प्रबंधन को लिया आडे़ हाथों
श्रीगुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में अमृतसर के लिए रेलगाड़ी चलाने में रेल अधिकारियों द्वारा की जा रही आनाकानी पर प्रदेश कांग्रेस प्रधान व पूर्व सांसद सुनील जाखड़ ने नाराजगी जाहिर की है।
जागरण संवाददाता, अबोहर : श्रीगुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में अमृतसर के लिए रेलगाड़ी चलाने में रेल अधिकारियों द्वारा की जा रही आनाकानी पर प्रदेश कांग्रेस प्रधान व पूर्व सांसद सुनील जाखड़ ने नाराजगी जाहिर की है। जाखड़ ने बीते वर्ष रेल मंत्री व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को ज्ञापन देते हुए आग्रह किया था कि श्रीगुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव पर श्रीगंगानगर से अबोहर, फाजिल्का, फिरोजपुर के रास्ते विशेष रेलगाड़ी चलाई जाए, जब रेल अधिकारियों ने जुलाई 2012 में साढे़ चार सौ करोड़ रुपये की लागत से स्थापित अबोहर-फाजिल्का रेल लिक पर मात्र एक शिफ्ट का स्टाफ उपलब्ध होने के कारण इस रास्ते से कोई और गाड़ी चलाने में असमर्थता व्यक्त की तो यह सुझाव दिया गया कि रेलगाड़ी श्रीगंगानगर, अबोहर, मलोट, गिदडबाहा, बठिडा रूट से चला दी जाए। कुछ माह पूर्व रेलमंत्री से मुलाकात के दौरान जाखड़ ने यह मांग दोहराई और नवंबर माह में आयोजित किए जा रहे समारोह से पूर्व इस रेलगाड़ी को प्रस्तावित नए रूट से संचालित करने का आग्रह किया था।
रेलवे बोर्ड ने इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए फिरोजपुर रेलमंडल को निर्देश जारी किए, लेकिन गत सप्ताह फिरोजपुर मंडल के वरिष्ठ व्यवसाय प्रबंधक ने जो रिपोर्ट नई दिल्ली स्थित उप मुख्य व्यवसाय प्रबंधक उत्तर रेलवे को भेजी, उसमें लिखा गया है कि प्रस्तावित रेलगाड़ी चलाने से रेलवे को प्रतिदिन लगभग सवा नौ लाख रुपये घाटा उठाना पड़ेगा। साथ ही यह भी लिख दिया कि सीमित समय के लिए परीक्षण के तौर पर श्रीगंगानगर से अबोहर, मलोट, बठिडा, धूरी, लुधियाना, जालंधर, ब्यास, अमृतसर मार्ग पर नई रेलगाड़ी चलाने पर विचार किया जा सकता है।
जाखड़ ने रेल अधिकारियों की सोच पर अफसोस जताते हुए कहा है कि धार्मिक आस्था पर आर्थिक नजरिए को अधिक महत्व देना अफसरशाही के लिए 21वीं सदी में सर्वथा अनुचित व दुर्भाग्यपूर्ण है। एक तरफ केंद्र व पंजाब सरकार डेरा बाबा नानक से दरबार साहिब करतारपुर तक गलियारा उपलब्ध करवाने पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है और प्रकाश उत्सव से पूर्व विशाल आयोजन करने की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। दूसरी ओर रेलगाड़ी चलाने से पहले ही रेलअधिकारी इसके संचालन में घाटे की आशंका जता रहे हैं। उन्होंने रेलमंत्री से पुन: निवेदन किया है कि नई रेलगाड़ी शुरू करने में खड़ी की जा रही बाधाएं दूर की जाएं। न केवल श्रीगंगानगर बल्कि अबोहर व पड़ौसी मुक्तसर साहिब जिले में बसे हजारों सिख श्रद्धालुओं को इस रेलगाड़ी का लाभ पहुंचेगा जबकि प्रतिमाह डेरा ब्यास जाने वाले हजारों श्रद्धालु भी इस रेलगाड़ी से लाभांवित होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का काम व्यापार करना नहीं बल्कि लोगों को सुविधा पहुंचाना है। इस ²ष्टिकोण से अधिकारियों को भी अवगत करवाया जाए।