किसानों के समर्थन में अध्यापिका ने दिया इस्तीफा
कृषि सुधार कानूनों के विरोध में एक सरकारी अध्यापिका की ओर से नौकरी से इस्तीफा देने का पहला व अनोखा मामले सामने आया है। अध्यापिका किसान परिवार से ही संबंधित है।
राज नरूला, अबोहर : कृषि सुधार कानूनों के विरोध में एक सरकारी अध्यापिका की ओर से नौकरी से इस्तीफा देने का पहला व अनोखा मामले सामने आया है। अध्यापिका किसान परिवार से ही संबंधित है।
अबोहर के माडल टाउन निवासी व मूलरुप सिंह अनुपगढ़ निवासी अध्यापिका राजदीप कौर राजस्थान के जिला श्रीगांगनर के 15 केएसडी चिगतानिया में लेवल-2 साइंस अध्यापिका कार्यरत है। उन्होंने बताया कि उन्होंने राजस्थान के शिक्षा विभाग में एक जुलाई 1994 क,ो ज्वाइन किया था जिसके बाद से वह रेगुलर अपनी सेवाएं दे रही है। उन्होंने बताया कि किसान परिवार से संबंधित होने के कारण पिछले कई दिनों से कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए संघर्ष किसानों का दर्द उनसे देखा नहीं जा रहा। उन्होंने कहा कि उनके पति अकसर कहते हैं कि अगर यह कानून लागू हो गए तो उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा। इसी के चलते उन्होंने किसानों के संघर्ष का समर्थन करते हुए अपनी सरकारी नौकरी छेड़ने का निर्णय लिया है। जिसके लिए उन्होंने विभाग को इस बाबत अप्लाई कर दिया है व उम्मीद है कि उसका त्याग पत्र जल्द स्वीकार कर लिया जाएगा। दिल्ली मोर्चे से लौटे बुजुर्ग किसान की मौत संस, अबोहर : दिल्ली में किसान आंदोलन से नौ जनवरी को वापस पहुंचे किसान की बीमार रहने के कारण मौत हो गई। जम्मू बस्ती निवासी त्रिलोक सिंह ने के अनुसार उसका भाई 68 वर्षीय हरनाम सिंह पुत्र संपूर्ण सिंह 28 दिसंबर को दिल्ली किसान मोर्चे में गया था जो कि वहां कुछ दिन रहकर वहां ठंड लगने के कारण नौ जनवरी को वापस आ गया था व उसकी नौ जनवरी की रात ही मौत गई व 10 जनवरी को अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्होंने इस संबंधी एक घोषणा पत्र प्रशासन को भी दिया है, प्रशासन इस संबंधी जांच कर रहा है।