बेटियों ने बढ़ाया मान, 98 प्रतिशत अंक लेकर रचनीत ने किया टॉप
सीबीएसई द्वारा घोषित दसवीं के परीक्षा परिणामों में एक बार फिर से लड़कियों ने बाजी मारी है।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का :
सीबीएसई द्वारा घोषित दसवीं के परीक्षा परिणामों में एक बार फिर से लड़कियों ने बाजी मारी है। जिले में अबोहर के ब्रह्मर्षि स्कूल की छात्रा रचनीत ने 98 प्रतिशत अंक लेकर जिले में टाप स्थान हासिल किया है। जबकि फाजिल्का के आत्म वल्लभ स्कूल की छात्रा शोर्या लूना ने 97.6 प्रतिशत अंक लेकर दूसरा स्थान हासिल किया है। इसके अलावा आत्म वल्लभ स्कूल की ही छात्रा आरूषी ने 97 प्रतिशत व सर्वहितकारी स्कूल की छात्रा रिश्मा शर्मा ने भी 97 प्रतिशत अंक लेकर तीसरा स्थान हासिल किया है। इसके अलावा जिले के विभिन्न स्कूलों का परिणाम शत प्रतिशत रहा है। परिणाम घोषित होते ही अव्वल रहने वाले छात्राओं के चेहरे खिल गए व बधाईयां देने वालों का तांता लग गया। कई जगह लड्डू से मुंह मिठा करवाया गया, तो कई घरों में जश्न का माहौल दिखाई दिया।
---
रचनीत, 98 प्रतिशत
पिता: सर्बजीत सिंह
कक्षा: दसवीं
डॉक्टर बनना चाहती है जिले की टापर रचनीत
सीबीएसई द्वारा घोषित दसवीं के परीक्षा परिणाम में ब्रह्मर्षि मिशन सीसे स्कूल की छात्रा रचनीत ने जिले में टाप किया है। रचनीत ने गणित विषय में 100 अंक हासिल किए हैं। रचनीत का सपना डॉक्टर बनने का है। रचनीत ने अपनी सफलता का श्रेय दीदी ब्रह्मऋता के आशीर्वाद, अध्यापकों की प्रेरणा व माता-पिता के सहयोग को दिया। रचनीत ने कहा कि उसकी मम्मी सरकारी अध्यापिका है लेकिन इसके बावजूद उसे घर के काम के लिए बिल्कुल भी नहीं कहती थी। वह बस उसे अपना ध्यान पढ़ाई में ही रखने की प्रेरणा देती रहती थी।
---
शोर्या लूना, 97.6 प्रतिशत
पिता: अरूण लूना
कक्षा: दसवीं
बड़ा अफसर का ख्वाब संजोया है शोर्य ने
आत्म वल्लभ स्कूल की छात्रा शोर्या लूना शुरुआत से ही पढ़ाई में अव्वल रही है। माता-पिता के अच्छे मार्गदर्शन व स्कूली अध्यापकों के मिले सहयोग के चलते शोर्या अब तक कई कक्षाओं में अव्वल रही है। शोर्या लूना ने बताया कि वह बड़ी होकर अफसर बनकर जिले का नाम रोशन करना चाहती है। उसने बताया कि पढ़ाई की राह में कोई मुश्किल तो नहीं आई, लेकिन जो परेशानियां आई, उसे स्कूली अध्यापकों ने दूर किया, यहीं कारण है कि वह जिले में दूसरे स्थान पर रही है।
---
अरूषी, 97 प्रतिशत
पिता: हर्ष कुमार
कक्षा: दसवीं
आइआइटी टेस्ट क्लीयर करने का सपना
आत्म वल्लभ स्कूल की छात्रा अरूषी ने बताया कि शुरू से ही पढ़ाई का काफी शौक था, जिसके चलते रात कब 12 से एक बज जाते पता ही नहीं चलता था। अरूषी ने बताया कि उसके नाना पुरुषोत्तम लाल बाघला उनके लिए हमेशा एक अच्छे गुरु रहे हैं। स्कूल के अध्यापकों ने जहां अच्छा ज्ञान दिया, तो वहीं नाना जी ने उसका मार्ग दर्शन किया। जिसके चलते वह यह मुकाम हासिल करने में सफल रही। उसने बताया कि वह आइआइटी का टेस्ट क्लीयर करना चाहती है, वहीं वह बड़ी होकर किसी कंपनी में सीआई आदि के पद पर भी जाने की इच्छुक है।
---
रिष्मा, 97 प्रतिशत
पिता: प्रदीप शर्मा
कक्षा: दसवीं
पढ़ते-पढ़ते बज जाते थे 12
सर्वहितकारी स्कूल की छात्रा रिषमा शर्मा ने कहा कि पढ़ाई का जनून ही ऐसा था कि रात पढ़ते-पढ़ते समय का पता ही नहीं चलता था। परिवार वालों का सहयोग व स्कूल के अध्यापकों द्वारा दी गई अच्छी शिक्षा का ही नतीजा है कि उसने अच्छे अंक हासिल किए। उसने कहा कि उक्त नंबर तो अच्छे हैं ही, लेकिन वह आने वाली परीक्षाओं में ओर आगे जाने के लिए मेहनत करेगी।