गुस्साए किसानों ने डीसी ऑफिस घेरा
फाजिल्का : लावारिस मवेशियों की बढ़ रही तादाद किसानों व प्रशासन के लिए सिर दर्द बन गई है। मंगलवार को मंडी लाधूका से 60 से 70 गाएं लेकर फाजिल्का की ओर आ रहे किसानों को पुलिस नाकाबंदी के दौरान रोका और उन्हें गाएं शहर में न छोड़ने के लिए कहा गया।
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : लावारिस मवेशियों की बढ़ रही तादाद किसानों व प्रशासन के लिए सिर दर्द बन गई है। मंगलवार को मंडी लाधूका से 60 से 70 गाएं लेकर फाजिल्का की ओर आ रहे किसानों को पुलिस नाकाबंदी के दौरान रोका और उन्हें गाएं शहर में न छोड़ने के लिए कहा गया। पुलिस ने गायों को वापस भगा दिया। किसानों ने पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए और बाद में डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरना लगा दिया और पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
डीसी कार्यालय के बाहर धरना दे रहे मंडी लाधूका के किसान बलदेव ¨सह, हरनाम ¨सह, साधू राम आदि ने बताया कि मंडी लाधूका व आसपास के क्षेत्र में भारी संख्या में बेसहारा मवेशी भटक रहे हैं, जो राहगीरों के अलावा किसानों के खेतों की फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस संबंध में मंडी के जमींदार किसानों द्वारा 60 से 70 मरीजों को फाजिल्का की गऊशाला में छोड़ने के लिए शहर की ओर लाया जा रहा था, कि एफएफ रोड पर समाधि के निकट लगाए गए नाके पर पुलिस ने बिना उनसे पूछताछ मारपीट करनी शुरू कर दी और गायों को वहां से भगा दिया। इस दौरान पुलिस ने तीन से चार किसानों से मारपीट की और बाद में पुलिस एक व्यक्ति को पकड़कर थाने भी ले गई। वह शिकायत करने के लिए फाजिल्का के एसडीएम कार्यालय में पहुंचे, जहां एसडीएम ने फाजिल्का में गाएं छोड़े जाने का किसानों से कारण पूछा। किसानों ने आरोप लगाया कि एसडीएम फाजिल्का द्वारा उनसे सही तरीके से बात नहीं की गई, जिसके चलते उन्होंने डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरना लगा दिया। समाचार लिखे जाने तक किसानों की बैठक सहायक कमिश्नर के साथ चल रही थी।
दो दिन पहले भी किसानों ने शहर में छोड़े थे मवेशी
पता चला है कि दो दिन पहले भी कई किसानों ने एफएफ रोड पर समाधि के निकट भारी संख्या में मवेशियों को फाजिल्का शहर की तरफ छोड़ दिया था। पहले से ही शहर में पशुओं की भारी संख्या ओर बढ़ गई। इससे प्रशासन पूरी तरह सख्त था, कि बुधवार को किसानों द्वारा फिर से फाजिल्का में पशु छोड़ने की बात पता चली। जिसके चलते पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान वहां से गौ को शहर में आने से रोका।