पंजाब में क्रिकेटर शुभमन गिल के पैतृक गांव जैमलवाला में खूब मना, खुशी से झूमे दादा-दादी
भारतीय क्रिकेट टीम की आस्ट्रेलिया में शानदार जीत के बाद इसके हीराे क्रिकेटर शुभमन गिल के पंजाब स्थित पैतृक गांव जश्न में डूब गया। गांव के लोगों ने जमकर जश्न मनाया और शुभमन के दादा व दादी भी खुशी से झूम उठे।
रवि वाट्स, जलालाबाद (फाजिल्का)। आस्ट्रेलिया में खेली गई टेस्ट सीरीज के चौथे मैच में भारतीय टीम ने जीत का परचम लहराते हुए इतिहास रचा। इस जीत के हीरो रहे शुभमन गिल के पंजाब स्थिति पैतृक गांव इस जीत के बाद जश्न में डूब गया। शुभमन के दादा-दादी गांव वालाें के साथ खुशी से झूम उठे।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में गिल ने खेली 91 रनों ने की एतिहासिक पारी
युवा क्रिकेटर व टेस्ट सीरीज में डेब्यू करने वाले शुभमन गिल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत की जीत में अहम योगदान दिया। चौथे टेस्ट मैच में शुभमन गिल ने चौथी पारी में ओप¨नग करते हुए 91 रनों की शानदार पारी खेली। उधर जैसे ही टीम इंडिया ने यह इतिहास रचा तो शुभमन गिल के पैतृक गांव जैमलवाला में लोगों ने जमकर जश्न मनाया।
गांव में लोगों ने मिठाइयां बांटी, दादा और दादी के घर जाकर दी बधाई
जैमलवाला में शुभमन के दादा-दादी रहते हैं। वहीं मोहाली में भी लोगों व रिश्तेदारों ने शुभमन के माता-पिता व पारिवारिक सदस्यों को मिठाई खिलाकर बधाई दी। टेस्ट सीरीज से पहले शुभमन गिल ने टी-20 व वनडे मैच में भी शानदार प्रदर्शन किया था। भले ही उन्हें पहले टेस्ट मैच में मौका नहीं मिल सका, लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में जैसे ही शुभमन को मौका मिला, तो उन्होंने भी उस मौके का पूरा फायदा उठाया। बल्लेबाजी में ओपनिंग करते हुए शुभमन गिल ने शानदार पारी खेली। 50 रनों से अधिक की साझेदारी करते हुए भारत को मजबूत शुरुआत दी और पहली पारी में 45 और दूसरी पारी में 35 रन बनाए।
शुभमन गिल के दादा-दादा और परिवार के सदस्य। (जागरण)
तीसरे टेस्ट मैच में शुभमन गिल ने टेस्ट करियर का पहला अर्धशतक लगाते हुए 50 रनों की पारी खेली। जबकि दूसरी पारी में 31 रन बनाए। चौथे और अंतिम मैच में जब आस्ट्रेलिया ने चौथी पारी में 300 से अधिक का लक्ष्य दिया, तो सभी को लग रहा था कि यह मैच ड्रा होगा। लेकिन, शुभमन गिल ने 91 रनों की शानदार पारी खेलते हुए भारत को एक मजबूत शुरूआत दी, जिसके चलते भारत यह मैच जीतने में कामयाब हुआ। इस टेस्ट सीरीज के तीन मैचों में शुभमन ने 259 रनों का योगदान दिया।
शुभमन ने पूरा किया दादा-दादी का सपना
गांव जैमलवाला में दादा-दादी को बधाई देने के लिए गांव के लोग पहुंचे। दादा दीदार सिंह व दादी गुरमेल कौर ने कहा कि पोते ने आज भारत की तरफ से खेलते हुए एतिहासिक जीत में योगदान डालकर सपना पूरा कर दिया है। दीदार सिंह ने कहा कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में चयन के बाद शुभमन ने कहा था कि वह शानदार प्रदर्शन करेगा।
पिता की मेहनत भी लाई रंग
शुभमन गिल को आज जो कामयाबी मिली है। उनके पहले हकदार शुभमन गिल के पिता लखविंद्र सिंह हैं। शुभमन गिल को शुरू से ही क्रिकेट का शौक था, उनके इस शौक को जुनून में बदलने में पिता लखविंद्र सिंह ने काफी सहयोग दिया। सबसे पहले उन्होंने गांव में खेतीबाड़ी छोड़ दी और मोहाली में शिफ्ट हो गए।
शुभमन ने काफी समय तक स्कूल की क्रिकेट एकेडमी में कोचिंग ली और उसके बाद उन्होंने उसे पीसीए मोहाली की क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन दिलवा दिया। शुभमन भले ही वहां को¨चग ले रहे थे, लेकिन लखविंद्र सिंह भी शुभमन गिल को रोजाना अभ्यास करवाते थे।