गन्ना उत्पादक काश्तकारों ने जीएम को बताई समस्याएं
खुईखेड़ा (फाजिल्का) : दी फाजिल्का सहकारी चीनी मिल बोदीवाला पिथा की प्रबंधक कमेटी से परेशान गन्ना उत्पादकों ने महाप्रबंधक आइएस भाटिया से मुलाकात कर परेशानियां बताई।
संसू, खुईखेड़ा (फाजिल्का) : दी फाजिल्का सहकारी चीनी मिल बोदीवाला पिथा की प्रबंधक कमेटी से परेशान गन्ना उत्पादकों ने महाप्रबंधक आइएस भाटिया से मुलाकात कर परेशानियां बताई। गन्ना उत्पादक दवेंद्र सचदेवा, धीरज कुमार, रणबीर ¨सह झींझा बेगांवाली, हरप्रीत ¨सह, सुरेंद्र ¨सह, इकबाल ¨सह ब¨रद्र ¨सह आदि ने बताया कि प्रबंधक कमेटी द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। लोकल गन्ना उत्पादकों की बजाय मिल अधिकारी धूरी, फगवाड़ा, भोगपुर क्षेत्र के गन्ना उत्पादकों को तरजीह दे रहे है। सुविधाएं भी उन्हें ही दी जा रही है जैसे कि अगर ट्राली में 5-10 क्विंटल गन्ना ज्यादा आ जाए तो वापस ले जाना पड़ता है, जबकि बाहरी क्षेत्र से आने वाले गन्ना उत्पादकों का चार-चार सौ क्विंटल गन्ना ले लिया जाता है और पर्ची देने में भी भेदभाव किया जाता है। जीएम ने सीसीडीओ बीएस बराड़ व अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि भोगपुर क्षेत्र का गन्ना 20-80 अनुपात के हिसाब से लिया जाए। जैसे कि प्रतिदिन ग्यारह हजार क्विंटल गन्ना लोकल क्षेत्र से और तीन हजार क्विंटल भोगपुर क्षेत्र का लिया जाए।
जब धूरी-फगवाड़ा क्षेत्र के गन्ना लेने के संबंध में संपर्क किया तो पता चला कि दोनों क्षेत्र के कुछ लोगों ने भोगपुर क्षेत्र के अपने कुछ रिश्तेदारों के नाम पर गन्ना दिया, लेकिन अब धूरी-फगवाड़ा क्षेत्र का गन्ना किसी भी कीमत पर नहीं लेंगे। मिल को बचाने के लिए भोगपुर का गन्ना खरीदना पड़ रहा है, क्योंकि लोकल और भोगपुर क्षेत्र का गन्ना मिलाकर ही मिल को 27 मार्च तक ही चला पाएंगे। उधर, सीसीडीओ बराड़ का कहना है कि बाहरी क्षेत्र का गन्ना लेना मजबूरी है, क्योंकि उन्हें डर है कि गन्ना न होने से मिल कहीं समय से पहले ही नो केन न हो जाए, क्योंकि पिछले वर्ष पहले सप्ताह ही नो कैन हो गई थी, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा था।