पराली नहीं जलाई, रोटावेटर से खेतों में मिलाई
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : सरहदी जिले के गांव बहक खास के प्रगतिशील किसान सचिन सहगल ने पिछले तीन साल से
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : सरहदी जिले के गांव बहक खास के प्रगतिशील किसान सचिन सहगल ने पिछले तीन साल से पराली को आग नहीं लगाई है। उन्होंने इस बार भी इलाके में सबसे पहले गेहूं की बिजाई की है। वह धान की पराली को अलग-अलग तरीकों के साथ इस्तेमाल कर रहे हैं। नौ साल की उम्र में खेतीबाड़ी से जुड़े इस प्रगतिशील किसान का कहना है कि उसकी तरफ से किसान मेले में बढ़-चढ़कर भाग लिया जाता है। कृषि के साथ-साथ डेरी फार्मिग का सहायक धंधा भी अपनाया जा रहा है। वह सिर्फ खुद ही पराली को आग नहीं लगा रहा, बल्कि अन्य किसानों को पराली व अवशेष को आग न लगाने के लिए प्रेरित कर रहा है। पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में लगाए जाते हर कैंपों में उसकी तरफ से भाग लेकर पराली जमीन में खत्म करने व अन्य साधनों के द्वारा प्रयोग में लाने के बारे में जानकारी हासिल की गई है।
गांव के नंबरदार के तौर पर अपनी सेवाएं निभा रहे उक्त किसान का कहना है कि वह अपने 20 एकड़ क्षेत्र में खेती कर रहा है। उसकी बीजी गई गेहूं की फसल के झाड़ में भी 2 ¨क्वटल प्रति एकड़ विस्तार हुआ है। सचिन ने बताया कि उसकी तरफ से धान की पराली और अवशेष को जमीन में रोटावेटर के साथ दबाया गया है। धान की पराली को आग न लगाकर उसका प्रयोग अन्य तरीकों के साथ करके उसकी तरफ से समय-समय पर अलग-अलग तजुर्बे किए गए हैं।
प्रगतिशील किसानों को करेंगे सम्मानित : डीसी
जिले के प्रगतिशील किसान, जो अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं, उन्हें स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। डीसी मनप्रीत ¨सह ने किसानों को अपील की कि के प्रगतिशील किसानों से प्रेरणा लेकर धान की पराली व अवशेष को आग न लगाकर वातावरण की शुद्धता में अपना अहम योगदान दें।