नहीं मिल रहा दाम, घाटे पर फसल बेच रहा किसान
देश का किसान जहां फसलों के समर्थन मूल्य के लिए सड़कों पर संघर्ष करने को मजबूर है वहीं जिले के कई किसान ऐसे हैं जो नरमे की फसल खराब ना हो जाए।
जागरण संवाददाता, फाजिल्का :
देश का किसान जहां फसलों के समर्थन मूल्य के लिए सड़कों पर संघर्ष करने को मजबूर है, वहीं जिले के कई किसान ऐसे हैं, जो नरमे की फसल खराब ना हो जाए। इसके डर से फसलें कम दामों पर बेच रहे हैं, लेकिन उन्हें 600 से लेकर 800 रुपये प्रति क्विंटल घाटा पड़ रहा है, जबकि व्यापारी भी फसल को 4700 से लेकर 4850 रुपये तक खरीद कर रहे हैं, जबकि कपास की फसल 5411 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से बिक रही है।
फाजिल्का जिले में ज्यादातर रकबा धान का है, लेकिन नरमा बीजने वाले किसान भी काफी संख्या में हैं। इस साल नरमे की फसल की एक लाख 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बीजी गई है। नरमे में भी कई क्वालिटी होने के चलते कुछ किसान अपनी फसल को काटकर मंडी में लाने भी लगे हैं, जिससे वह कम भाव पर फसल बेचने को मजबूर हैं। फाजिल्का की अनाज मंडी में आई नरमे व कपास की फसल सारी बिक चुकी है। फाजिल्का की अनाज मंडी में फसल बेच चुके किसान जसकरण सिंह ने बताया कि उसकी तीन क्विटल नरमे की फसल हुई थी, लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश के चलते उसकी फसल में काफी नमी आ गई, जिसके चलते तेज धूप में फसल सूखने के बाद उसने फसल को काटा और मंडी में लेकर पहुंचा। लेकिन यहां मंडी में मूल्य 4700 से लेकर 4900 तक था, जिसमें उसने 4751 के हिसाब से अपनी फसल बेची। क्योंकि अभी फसल की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई और वह नरमे को स्टोर करके भी नहीं रख सकता था, इसलिए उसने कम दामों पर फसल बेच दी।
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26 अगस्त को हुई थी नरमे की पहली बोली
फाजिल्का की अनाज मंडी में नरमे की पहली बोली 26 अगस्त को लगी थी। लोगों ने ही नरमे की फसल को 4801 रुपये और कपास की फसल 5411 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिकी। अब तक इसी मूल्य के इर्द-गिर्द फसल बिक रही है।
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मंडी में आया 210 क्विटल नरमा
मंडी के सुपरवाइजर राज कुमार दावड़ा ने बताया कि अब तक फाजिल्का की अनाज मंडी में 210 क्विंवटल नरमा आया है, जो पूरा खरीदा जा चुका है। नरमे की फसल 4500 से लेकर 4939 रूपये प्रति क्विटल तक बिकी है। वहीं किसानों को मिल रहे कम मूल्यों संबंधी मार्केट कमेटी के सचिव सुलोध बिश्नोई ने कहा कि अभी सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई। जिसके चलते प्राइवेट व्यापारी नरमे को खरीद रहे हैं। सरकारी खरीद शुरू होने पर किसानों को पूरा भाव मिलेगा।