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धान की सीधी रोपाई को किसान तैयार, मशीनों की है मांग

क‌र्फ्यू व अब लॉकडाउन के मद्देनजर मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 10:43 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 06:12 AM (IST)
धान की सीधी रोपाई को किसान तैयार, मशीनों की है मांग
धान की सीधी रोपाई को किसान तैयार, मशीनों की है मांग

मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : कोरोना वायरस के चलते लगाए गए क‌र्फ्यू व अब लॉकडाउन के मद्देनजर मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं, जिस कारण इस बार किसानों को अपने हाथों से धान की फसल की बिजाई करनी होगी। अब फसल की बिजाई के लिए मात्र 15 दिन ही शेष हैं, ऐसे में जहां कई किसानों ने गेहूं की मशीन के यंत्रों में कुछ बदलाव करके धान की बिजाई के लिए मशीन तैयारी कर ली है, वहीं 150 किसानों ने कृषि विभाग के पास मशीनों को खरीदने के लिए आवेदन किया हुआ है।

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फाजिल्का जिले में 90 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में धान की रोपाई की जाती है। इसके अलावा 70 हजार हैक्टेयर में बासमती व 20 हजार हेक्टेयर में परमल की बिजाई की जाती है। लेकिन इस बार हालात कुछ ओर हैं। इस बार किसानों को मजदूरों के बिना ही धान की बिजाई के लिए मजबूर होना होगा। जिसके लिए उन्हें सीधी बिजाई करने वाली मशीनों की जरूरत है। वहीं, जो लेबर पंजाब में है, उन्होंने अपने भाव दोगुणे कर दिए हैं, जिससे ठेके पर जमीन लेने वाले किसान परेशानी में हैं।

गांव तरोबड़ी के किसान संदीप कुमार व ढाणी मुंशी राम के किसान लेखराज ने बताया कि धान की बिजाई को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। लेखराज ने बताया कि पिछले साल भी उसने धान की सीधी बिजाई की थी और पिछले तीन सालों से करता आ रहा है।

जिला कृृषि अधिकारी मंजीत सिंह ने कहा कि धान की सीधी बिजाई करने से किसानों को काफी लाभ होगा। जो मशीन विभाग के पास पड़ी हैं, उन्हें किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। जबकि आवेदन करने वाले किसानों की डिमांड भी विभाग को भेजी गई है।

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लेबर के रेट निर्धारित करे प्रशासन

भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के जिला प्रधान प्रगट सिंह ने कहा कि बड़े क्षेत्रफल में धान बिजने वाले किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। लेबर के घर लौटने के कारण जो लेबर यहां रह गई है, वह दोगुणा भाव मांग रही है, जिस कारण किसान परेशान हैं। जिला प्रशासन लेबर को लेकर रेट निर्धारित करे, ताकि किसान उनसे रोपाई करवा सके। इसके अलावा एक दो दिन में नहरों की सफाई का कार्य मुकम्मल करवाकर नहरों में पानी दिया जाए, ताकि फसल की रोपाई को लेकर कोई परेशानी न हो।


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