किसान बोले, अगर जल्द मांगे पूरी नहीं हुई तो संघर्ष किया जाएगा तेज
भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां की प्रांतीय कमेटी के आह्वान पर धरना जारी।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां की प्रांतीय कमेटी के आह्वान पर फाजिल्का इकाई द्वारा 20 दिसंबर से पंजाब सरकार के खिलाफ 10 मांगों को लेकर धरना सातवें दिन भी डीसी कार्यालय के समक्ष जारी रहा। इस दौरान आशा वर्कर यूनियन द्वारा किसानों का समर्थन करते हुए किसानों के साथ धरना दिया गया।
इस मौके यूनियन के जिला महासचिव गुरभाज सिंह ने बताया कि किसान लंबे समय अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन पंजाब सरकार उनकी मांगों को पूरा करने की बजाए समय व्यतीत कर रही है। इसलिए संघर्ष को तेज करते हुए पक्का मोर्चा लगाया गया है। उनकी मुख्य मांगों में जिले में बे-मौसमी बरसात और ओलावृष्टि से खराब धान व दूसरी फसलों के लिए मुआवजा राशि के तौर पर 17 हजार रुपये प्रति एकड़ किसान को, सरकार द्वारा घोषित गन्ने का मूल्य 360 रुपये प्रति क्विंटल की पर्ची किसानों को प्रत्येक चीनी मिलों द्वारा दिए जाने की गारंटी दी जाए, आत्महत्या कर चुके खेत मजदूरों के परिवारों को तीन लाख की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के साथ उनके कर्ज माफ, पांच एकड़ तक मालकी वाले किसानों के दो लाख तक के कर्ज तुरंत माफ किए जाए, आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज मामले तुरंत रद्द कर शहीद हो चुके किसानों-मजदूरों के परिवार को 5-5 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए, साथ ही परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी दे, गुलाबी सूंडी, बारिश के चलते नरमे की फसल खराबे, बारिश कारण जलालाबाद एरिया के पीड़ित परिवारों को 3-3 लाख मुआवजा देना, किसानी संघर्ष में शहीद हुए किसानों का कर्जा माफ करना, प्रत्येक सदस्य को 1-1 नौकरी देना आदि शामिल है।