बरसात से स्मॉग से राहत पर किसानों को नुकसान
बरसात से आम लोगों को तो स्मॉग से राहत मिलने की संभावना है लेकिन बरसात ने किसानों व बागवानों को चिता में डाल दिया है।
राज नरूला अबोहर,
बरसात से आम लोगों को तो स्मॉग से राहत मिलने की संभावना है, लेकिन बरसात ने किसानों व बागवानों को चिता में डाल दिया है। वीरवार शाम को क्षेत्र में हल्की से भारी बरसात होने की खबर है। बुधवार रात को भी क्षेत्र में बरसात हुई थी। इस बेमौसम बरसात से किसानों का पीला सोना धान व सफेद सोना कपास दोनों को ही नुकसान होने का डर है।
भारतीय किसान यूनियन कादियां के जिला प्रधान बुधराम बिश्नोई ने बताया कि बुधवार रात को सुखचैन, खैरपुर व सीतो गुन्नो की बेल्ट में अनेक गांवों में काफी ओलावृष्टि भी हुई है जिससे बरसात से खेतों में खड़ी फसल में पानी भर गया और पक कर तैयार खड़ी बासमती फसल गिरने की आशंका भी बन गई है।
उन्होंने बताया कि बरसात से किसानों को काफी नुकसान हो गया है। बिश्नोई का कहना है कि अभी तक 50 से 55 फीसदी धान की फसल खेतों में लहलहा रही है जबकि नरमा भी तैयार है व उसकी चुगाई का काम चल रहा है। जिससे उत्पादन व क्वालिटी दोनों पर असर होगा। बरसात से नरमे की फसल भीग गई और कई जगहों पर नरमे की फसल गिर गई। किसान ओम प्रकाश का कहना है कि खेतों में पानी भरने से किसान अपनी धान की कटाई समय पर नहीं पाएंगे।
खुले आसमान के नीचे पड़ा धान भीगा
बरसात के कारण मंडियों में खुले में पड़ा धान भी भीग गया है। मंडी में काफी मात्रा में धान खुले में पड़ा है। धान भीगने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। किसानों का कहना है कि अब जब तक धान पूरी तरह से सूखेगा नहीं तब तक इसकी बिक्री नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि धान खुले में ढेरी करवाना प्रशासन की गलती है लेकिन इसका खामियाजा उन्हें ही भुगतना पड़ेगा। इसके अलावा काफी संख्या में धान की भरी बोरिया भी भीग गई। अचानक हुई बरसात के बाद कुछ आढ़तियों ,व्यपारियों व किसानों ने तरपाल से ढ़क कर बचाने का प्रयास भी किया। इसके अलावा बरसात के कारण ठंडक बढ़ गई व बरसात के कारण लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।