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पराली जलाने की बजाय, खेतों में मिलाएं किसान

गांव ओडियां ब्लॉक फाजिल्का के किसान बखतौर सिंह के खेत में पैडी स्ट्रा चौपर की प्रदर्शनी लगाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 06:07 AM (IST)
पराली जलाने की बजाय, खेतों में मिलाएं किसान
पराली जलाने की बजाय, खेतों में मिलाएं किसान

संवाद सूत्र, फाजिल्का : ब्लॉक फाजिल्का कृषि अधिकारी डॉ. गुरमीत सिंह चीमा के सहयोग के साथ गांव ओडियां ब्लॉक फाजिल्का के किसान बखतौर सिंह के खेत में पैडी स्ट्रा चौपर की प्रदर्शनी लगाई। प्रदर्शनी में पहुंचे मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. मनजीत सिंह ने कहा कि धान की कटाई करने के समय किसान भाइयों को धान की पराली को आग लगाने से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धान की नाड़ जलाने के साथ जहां हानिकारक गैसें पैदा होती हैं वहीं मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि 1 टन धान की पराली जलाने के साथ 5.5 किलोग्राम नाइट्रोजन, 2.3 किलोग्राम फासफोर्स, 1.2 किलोग्राम सल्फर और 400 किलोग्राम जैविक कार्बन नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि धान की पराली न जलाने के साथ जमीन के लघु तत्व बरकरार रहते हैं और भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। इस मौके डॉ. गुरमीत सिंह चीमा ने किसानों को पराली न जलाने की अपील की। इस मौके विभाग के एडीओ विक्की कुमार, एईओ अमृत किरपाल सिंह, बीटीएम राजदविदर सिंह, सर्किल इंचार्ज एएसआइ सुखदीप सिंह, हरप्रीत सिंह, अजय कुमार और जूनियर टेकनीशियन तरसेम सिंह उपस्थित थे।

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