सरकारी अस्पताल में मंगलवार को होने वाला डोप टेस्ट शुरू
सरकारी अस्पताल में प्रत्येक मंगलवार को होने वाले डोप टेस्ट शुरू कर दिया गया है। कोरोना वायरस के कारण इसे बंद कर दिया गया था।
राज नरूला, अबोहर : सरकारी अस्पताल में प्रत्येक मंगलवार को होने वाले डोप टेस्ट शुरू कर दिया गया है। कोरोना वायरस के कारण इसे बंद कर दिया गया था। दैनिक जागरण ने इस बाबत समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। सरकारी अस्पताल के लैब टेक्नीशियन शमशेर सिंह ने बताया कि प्रत्येक मंगलवार को होने वाला डोप टेस्ट शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों ने इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है लेकिन साथ ही हिदायत दी है कि इस दौरान फिजिकल डिस्टेंस का विशेष ध्यान रखा जाएं व इस बात का भी ध्यान रखा जाएं कि लोगों की भीड़ एकत्रित न हो। शमशेर सिह ने बताया कि पहले 30 लोगों का डोप टेस्ट किया जाता था लेकिन अब कोरोना वायरस के चलते फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए केवल 15 लोगों का ही डोप टेस्ट किया जाएगा। असला धारकों को असले का लाइसेंस रिन्यू करवाना हो या नया बनाना हो इसके लिए डोप टेस्ट करवाना जरूरी कर दिया गया है, जिसके चलते काफी संख्या में लोग डोप टेस्ट करवाने के लिए यहां के सरकारी अस्पताल में पहुंचते है । अस्पताल को भी होती है आय
डोप टेस्ट से सरकारी अस्पताल को आय होती है जोकि बंद होकर कर रह गई थी। डोप टेस्ट की फीस 1500 रुपये निर्धारित की गई है। इस तरह सरकारी अस्पताल को पहले हर सप्ताह करीब 45 हजार रुपये आय होती थी व अब अगर 15 लोगों का डोप टेस्ट होगा तो 22 हजार 500 रुपये की आय प्रत्येक सप्ताह होगी जोकि महीने की करीब एक लाख रुपये बनती है । नशा छुड़ाने में भी सहायक हो रहा है डोप टेस्ट
डोप टेस्ट नशा छुड़ाने को भी सहायक सिद्ध हो रहा है। डोप टेस्ट करवाने से करीब चार पांच दिन पहले नशा छोड़ना पड़ता है तब जाकर डोप टेस्ट नेगेटिव आता है जिसके चलते जिसने भी डोप टेस्ट करवाना होता है व उसे नशा छोड़ना पड़ता है जाहिर है कि इसमें कई लोग ऐसे भी होते होंगे जिन्होंने एक बार नशा छोड़ दिया होगा तो वह दोबारा इससे तौबा कर लेते होंगे। डॉ. महेश का कहना है कि डोप टेस्ट भी नशा छुड़ाने का अच्छा जरिया बन रहा है।